राज एक्सप्रेस। बीते कई समय से ICICI बैंक और वोडाफोन मामले के चलते विवादों में घिरी ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं क्योंकि, CEO चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को मामले का आरोपी मानते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। ज्ञात हो कि, ED द्वारा इसी मामले के तहत जनवरी 2020 में चंदा कोचर व उनके परिवार की 78 करोड़ की चल अचल संपत्ति भी जब्त कर ली गई थी।
क्या है मामला ?
दरअसल, ED द्वारा दीपक कोचर की गिरफ्तारी वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को ICICI बैंक की तरफ से 3250 करोड़ रुपये के लोन दिए जाने के के मामले में हुई है। खबरों की मानें तो इस मामले में यह सबसे पहली बड़ी गिरफ्तारी है। बताते चलें, ED द्वारा चंदा कोचर व उनके पति दीपक कोचर सहित कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ ICICI बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को गलत तरह से दिए गए लोन मामले में हुए फर्जीवाड़े और मनी लॉन्ड्रिंग के केस को लेकर जांच कर रही थी।
चंदा कोचर से हुई थी पूछताछ :
बता दें, ED द्वारा बीते कुछ महीनों चंदा कोचर, उनके पति और देवर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर उनसे पूछताछ भी की थी। बताते चलें, बैंक से लोन लेने वाली विडियोकॉन इंडस्ट्रीज कंपनी द्वारा चंदा कोचर के पति की विडियोकॉन कंपनी में निवेश को लेकर फर्जीवाड़े के आरोप सामने आने के बाद चंदा कोचर ने साल 2018 के अक्टूबर माह में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
चंदा कोचर ने दायर की बंबई हाई कोर्ट में याचिका :
हाल ही में चंदा कोचर ने बैंक द्वारा उनके लिए जारी किए गए बर्खास्तगी लेटर के खिलाफ बंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका द्वारा उन्होंने कोर्ट से बर्खास्तगी लेटर को लीगल घोषित करने की मांग की है। जिससे यह साबित होगा कि, उन्होंने अक्टूबर 2018 में जल्दी रिटायरमेंट की घोषणा की थी और बैंक द्वारा उसे मंजूर किया गया था।
विस्तार से पूरा मामला?
दरअसल वीडियोकॉन ग्रुप ने साल 2012 में ICICI बैंक से 3,250 करोड़ रुपये के लोन की मांग की थी। इस लोन के लिए वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने साल 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। ध्यान रहें, NRPL कंपनी वेणुगोपाल धूत और चंदा कोचर के पति दीपक कोचर व उनके दो अन्य रिश्तेदारों ने साथ मिलकर शुरू की थी। अब इस मामले में चंदा कोचर पर आरोप यह लगे हैं कि, उन्होंने इस कंपनी के लिए ICICI बैंक से लोन दिलवाने के लिए फर्जीवाड़ा किया है। गौरतलब है कि, वीडियोकॉन कंपनी द्वारा लिया गया यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का ही एक हिस्सा था, जिसे वीडियोकॉन ग्रुप ने SBI के नेतृत्व में कुल 20 बैंकों से लिया था।
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