राज एक्सप्रेस। देश की जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) हमेशा से ही काफी अलर्ट रहती है और सूत्रों द्वारा जानकारी मिलते ही छानबीन और छापामारी में जुट जाती हैं। इसके बाद वह कई बड़ी कार्रवाई करती है। पिछले दिनों ऐसी ही कई खबरें आती रही हैं। ऐसे ही अब ED ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। जिसके तहत ED ने शनिवार यानी 25 जनवरी को 'जानकारी लीक करने' के लिए दो संविदा कर्मियों समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। चलिए, विस्तार से जानें क्या है मामला ?
CED की बड़ी कार्रवाई :
दरअसल, देश की जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार यानी 25 जनवरी को 'जानकारी लीक करने' के लिए दो संविदा कर्मियों समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। ED ने इन्हें 'जानकारी लीक करने' के आरोप के चलते गिरफ्तार किया है। ED ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि, 'जांच एजेंसी ने रिश्वत लेकर जांच की 'संवेदनशील' जानकारी साझा करने के आरोप में अपने मुंबई कार्यालय में अनुबंध पर कार्यरत दो कर्मचारियों और महाराष्ट्र स्थित एक सहकारी बैंक के गिरफ्तार पूर्व अध्यक्ष के 'करीबी सहयोगी' को गिरफ्तार किया है।'
NPA में बदल गए बैंक :
ED ने आगे बताया , "सहकारी बैंक को किसी भी विवेकपूर्ण वित्तीय मानदंडों का पालन किए बिना एक परिवार के स्वामित्व की तरह चलाया जा रहा था। ऋण बिना किसी व्यवहार्य सुरक्षा के और बड़े पैमाने पर रिश्वत के बदले आवेदकों की योग्यता का पता लगाए बिना मंजूर किए जा रहे थे। 92% से ज्यादा ब्याज वाले खाते NPA में बदल गए और अब बैंक दिवालिया हो गया है।"
क्या है मामला ?
जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा सामने आई जानकारी के अनुसार, यह मामला सेवा विकास सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अमर मूलचंदानी से जुड़ा है। उनके खिलाफ धन शोधन की जांच की गई। उनपर महाराष्ट्र पुलिस द्वारा आरोप लगाया गया है कि, उन्होंने ED द्वारा छापेमारी करते समय बाधा डालने और सबूत मिटने की कोशिश की। इन आरोपों के चलते ही 27 जनवरी को मूलचंदानी और उनके परिवार के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। ED ने जानकारी दी है कि, 'जांच होने पर ये सच सामने आया था कि, एक व्यक्ति ED कार्यालय परिसर के आसपास अक्सर छिपा रहता था। पूछताछ करने पर पता चला कि, 'वह बबलू सोनकर उर्फ़ अमर मूलचंदानी का कर्मचारी है। उसे मूलचंदानी परिवार ने गवाहों को धमकाने और संवेदनशील जानकारी के बदले ED कार्यालय में काम करने वाले एक डेटा-एंट्री ऑपरेटर और एक आकस्मिक कर्मचारी को रिश्वत देने का काम सौंपा था।'
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