राज एक्सप्रेस। पहले कोरोना वायरस और फिर रूस-युक्रेन युद्ध के चलते दुनिया पर पहले ही आर्थिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस बीच अमेरिका में बैंकिंग संकट और कई देशों में नकदी के संकट के चलते दुनियाभर के अर्थशास्त्री वैश्विक आर्थिक मंदी का खतरा जता रहे हैं। यह आर्थिक मंदी दुनिया के विकसित देशों को भी अपनी चपेट में ले सकती है। हालांकि इस बीच भारत के लिए एक अच्छी बात यह है कि इस मंदी का भारत पर कोई खास असर नहीं होने वाला है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर यह पूरा मामला क्या है।
भारत में मंदी का खतरा नहीं :
दरअसल इस समय दुनियाभर में फैले आर्थिक मंदी के खतरे के बीच वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में दुनिया के अलग-अलग देशों में आर्थिक मंदी आने की कितनी संभावना है, इसको लेकर जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय बेहद मजबूत स्थिति में है और यहां मंदी आने की कोई संभावना नहीं है। वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने अपनी रिपोर्ट में भारत में मंदी की जीरो फीसदी संभावना जाहिर की है।
इंग्लैंड को सबसे बड़ा खतरा :
द वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स की रिपोर्ट के अनुसार इस समय इंग्लैंड पर आर्थिक मंदी का सबसे बड़ा खतरा है। इस रिपोर्ट में इंग्लैंड में आर्थिक मंदी आने की 75 फीसदी संभावना जाहिर की गई है। इंग्लैंड के बाद इस सूची में न्यूजीलैंड का नंबर आता है, जहां 70 फीसदी आर्थिक मंदी आने की संभावना है। वहीं अमेरिका इस सूची में तीसरे नंबर पर है। यहां आर्थिक मंदी आने की संभावना 65 फीसदी है। इसी तरह जर्मनी, इटली, कनाडा में 60-60 फीसदी जबकि फ्रांस में 50 फीसदी आर्थिक मंदी आने की संभावना है।
चीन और जापान पर भी संकट :
इस रिपोर्ट के अनुसार चीन में 12.5 फीसदी आर्थिक मंदी आने की संभावना है। वहीं जापान की बात करें तो यहां भी आर्थिक मंदी आने की 35 फीसदी संभावना है। इसके आलवा यूक्रेन के साथ लड़ाई में उलझे रूस में भी आर्थिक मंदी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां आर्थिक मंदी आने की 37.5 फीसदी संभावना है।
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