राज एक्सप्रेस। जनसंख्या के लिहाज से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, जबकि क्षेत्रफल के मामले में भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश है। ऐसे में बड़े क्षेत्रफल के बावजूद इतनी बड़ी आबादी को अन्न सुरक्षा देना बेहद चुनौतीपूर्ण है। यही वजह है कि अब पारंपरिक खेती की बजाय आधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल से कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। भारत कृषि प्रधान देश है। देश की बहुत बड़ी आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है, इसके बाद भी देश में आज भी पुरानी पद्धितियों से ही खेती होती है। खेती में बढ़ती लागत, प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में इस्तेमाल होने वाली पुरानी युक्तियां और फसलें उगाने के लिए जरूरी वित्तीय संसाधन नहीं होने की वजह से हमारा कृषि क्षेत्र आज भी दुनिया के अन्य देशों की तुलना में पिछड़ा हुआ है। यही वजह है कृषि मंत्रालय ने ड्रोन की खरीद पर सब्सिडी देकर इस मुहिम को प्रोत्साहित करने की पहल की है।
हाल के दिनों में केंद्र सरकार ने ज्यादा वित्तीय सहायता और तकनीकी उपकरणों को खरीदने में मदद के माध्यम से कृषि क्षेत्र के विकास की मजबूत योजना बनाई है। ऐसे में ड्रोन जैसी टेक्नोलॉजी के जरिए की गई प्रिसिजन फार्मिंग देश के किसानों को बेहतर विकल्प दे सकती है। ड्रोन का इस्तेमाल कर किसान लागत में कमी और समय की बचत कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। पारंपरिक तरीके से कीटनाशकों का छिड़काव करने से स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। साथ ही इसमें समय भी बहुत ज्यादा लगता है। ड्रोन का इस्तेमाल करके इस समस्या के बचा जा सकता है। कीटनाशकों के छिड़काव से साथ-साथ खेतों में उत्पादित माल को बाजार तक तेजी से ले जाने में भी ड्रोन बहुत उपयोगी है।
कृषि मंत्रालय ने क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के निवेश वाले ड्रोन स्टार्टअप गरुड़ एयरोस्पेस को एग्री सब्सिडी देना मंजूर कर ली है। इस तरह यह स्टार्टअप एग्री सब्सिडी पाने वाला पहला स्टार्टअप बन गया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह सब्सिडी कृषि में ड्रोन के प्रयोग को बढ़ावा देने की भारत सरकार की पहल का एक हिस्सा है। केंद्र सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के बाद गरुड़ एयरोस्पेस को ऑपरेशंस का विस्तार करने और अपने ड्रोन को भारत में किसानों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। मंगलवार 11 अप्रैल को पुणे में इस सब्सिडी योजना के तहत 8 किसानों को डीजीसीए-अप्रूव्ड 'गरुड़ किसान ड्रोन' दिए गए हैं। एग्री ड्रोन सब्सिडी कृषि मंत्रालय की ओर से शुरू की गई है। इस योजना के तहत, सरकार ड्रोन की खरीद के लिए वित्तीय सहायता देगी। स्कीम के तहत मिलने वाली सब्सिडी सभी के लिए अलग-अलग निर्धारित की गई है।
इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च, कृषि विज्ञान केंद्र, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, राज्य और केंद्र सरकार के कृषि संस्थान, कृषि विभाग और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (पीएसयू) के लिए दस लाख रुपए तक के ड्रोन की खरीद पर शत प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रवाधान है। यानी उन्हें ड्रोन की खरीद पर कोई पैसे नहीं खर्च करने पड़ेंगे। इसके बाद कस्टम हायरिंग सेंटर बनाने वाले कृषि स्नातक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति, महिला और उत्तर पूर्वी राज्यों के किसानों को ड्रोन की खरीद पर 10 लाख रुपए अधिकतम लागत पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा को-ऑपरेटिव सोसाइटी ऑफ फार्मर्स के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर, एफपीओ और ग्रामीण उद्यमियों को 40 फीसदी तक या चार लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।