राज एक्सप्रेस। देश में किसी भी नीतिगत दरों में होने वाले बदलाव या उस पर चर्चा करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अहम् बैठक की जाती है। RBI द्वारा की जाने वाली इस MPC की बैठक में मुख्य भूमिका RBI गवर्नर की होती है और वर्तमान समय में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास है। RBI गवर्नर बीते समय में लगातार 11 बार रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव न करने के बाद दर को बढ़ा दिया गया था। वहीँ, आज नए साल की इस बैठक की शुरुआत हुई और पहला ही फैसला लगातार बढ़ती महंगाई के बीच रेपो रेट न बढ़ाने को लेकर आया है।
नहीं हुआ रेपो रेट में कोई बदलाव :
दरअसल, आज गुरुवार को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा शुरू की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौद्रिक नीति समिति ने इस बार रेपो रेट को न बढ़ाते हुए 6.5% पर ही बने रहने का ऐलान किया है। हालांकि, रेपो रेट लगातार 11 बार न बढ़ने के बाद फिर लगातार 6 बार बढाई गई थी। उसके बाद अब न बढ़ाने का यह फैसला लिया गया है। इस प्रकार RBI के फैसले के बाद नए वित्तीय की पहली MPC बैठक में यह फैसला लिया गया। हालांकि, पूरी उम्मीद की जा रही थी कि, रेपो दर में 0.25% की बढ़त दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में गवर्नर शक्तिकांत दास ने ये कई बाते बातें बताते हुए देश की GDP का अनुमान जताया।
देश की GDP का अनुमान :
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा गुरुवार की सुबह हुई MPC बैठक के दौरान GDP ग्रोथ का अनुमान भी जताया गया। अनुमान ज्ञाआट४ हुए उन्होंने कहा कि, 'MPC के सभी सदस्य रेपो रेट में बदलाव नहीं करने के पक्ष में थे। भारत में बैंकिंग सेक्टर की स्थिति काफी मजबूत है। FY 23 में देश में अनाज उत्पादन में 6% की वृद्धि हुई है। RBI के अनुसार FY 24 में महंगाई में कमी का अनुमान है। FY 24 में GDP ग्रोथ 6.5% रह सकती है। वहीँ, FY 23 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में चालू खाता घाटा GDP का 2.7% दर्ज हुआ था। FY 24 में खुदरा महंगाई दर (CPI) 5.2% रह सकती है। हमारा लक्ष्य मीडियम टर्म में महंगाई को तय सीमा के भीतर लाने का है। जब तक महंगाई तय सीमा के अंदर नहीं आती है तब तक लड़ाई जारी रहेगी।
महंगाई पर चर्चा करते हुए कहा :
RBI गवर्नर शक्तिकांत ने महंगाई पर चर्चा करते हुए कहा कि, FY 24 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.8% रह सकती है। हाल के कुछ सालों में देश में निगरानी व्यवस्था मजबूत हुई है। लिक्विडिटी मैनेजमेंट पर RBI की नजर बनी हुई है। रुपये की स्थिरता के लिए भी भारतीय रिजर्व बैंक की कोशिशें जारी हैं। आरबीआई गवर्नर ने कंपनियों को कैपिटल बफर बनाने की सलाह दी है।
RBI के मुख्य आर्थिक सलाहकार का कहना :
RBI के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा था कि, 'RBI के पास अब इस बात के पर्याप्त कारण मौजूद हैं कि वह अप्रैल की समीक्षा में रेपो दर में कोई वृद्धि न करे। तरलता के मोर्चे पर दिक्कतों के बावजूद केंद्रीय बैंक आगामी MPC बैठक में नरम रुख अख्तियार कर सकता है।'
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