अहमदाबाद। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड (एम ई आई एल) ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत निर्मित स्वदेशी रिग तेल और प्राकृतिक गैस उत्खन्न करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को सौंपा है।
हैदराबाद की एम ई आई एल के उपाध्यक्ष पी. राजेश रेड्डी ने गुरुवार को यह जानकारी दी कि कंपनी ने कल ओएनजीसी यह रिग सौंपा था। एम ई आई एल को ओएनजीसी ने वर्ष 2019 में 6000 करोड़ रुपए की लागत से 47 रिग का ठेका दिया था। इससे पहले देश में इस तरह के आधुनिक रिग का निर्माण नहीं होता था। कंपनी इसको लेकर ओएनजीसी को 47 में से दो रिग सौंप चुकी है।
उन्होंने कहा कि 1500 अश्व शक्ति की क्षमता वाले यह ड्रिङ्क्षलग रिग जमीन की सतह से 4000 मीटर (4 किलोमीटर) गहराई तक तेल कुओं को आसानी से खोद सकती है। रिग के 40 साल तक बिना रुकावट कार्यरत रहने की उम्मीद है और सुरक्षा मानकों के लिहाज से भी यह सबसे आधुनिक तकनीक के साथ निर्मित हुआ है।
स्वदेशी प्रौद्योगिकी के साथ तेल और गैस निष्कर्षण रिग का निर्माण और उपयोग करने वाली भारत की पहली निजी कंपनी एम ई आई एल ने इस साल अप्रैल में ओएनजीसी को पहला रिग सौंपा था, जो मेहसाणा में कलोल ऑयल फील्ड में कार्यरत है।
हाइड्रोलिक तकनीक से लैस यह दूसरा रिग ओएनजीसी की अहमदाबाद संपदा के तहत कलोल के नजदीक धमासना गांव में जीजीएस 4 तेल क्षेत्र के पास केएलडीडी एच तेल कुएं में परिचालन शुरू करने के लिए तैयार है। यह तेल के कुओं को तेजी से खुदाई करता है और न्यूनतम ऊर्जा के साथ संचालित होता है।
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