जीडीपी क्या होती है Syed Dabeer Hussain - RE
अर्थव्यवस्था

जानिए जीडीपी क्या होती है और इसका आम आदमी पर क्या असर होता है?

जीडीपी का मतलब होता है ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट। एक निश्चित समय के भीतर देश में तैयार होने वाली सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी कहते हैं।

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। अक्सर हम भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में सुनते हैं कि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था हैं। इसके लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ और अन्य देशों की जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों का हवाला दिया जाता है। दरअसल जब भी किसी देश की अर्थव्यवस्था के बारे में बात की जाती है तो जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का जिक्र जरूर होता है। हालांकि हम में से कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें यह नहीं पता है कि आखिर जीडीपी क्या होता है? तो चलिए समझते हैं।

जीडीपी क्या है?

जीडीपी का मतलब होता है ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट। यानि एक निश्चित समय के भीतर देश में तैयार होने वाली सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी कहते हैं। सामान्य भाषा में समझे तो हम एक निश्चित समय में देश के भीतर जिन भी वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करते हैं, उनका जो बाजार मूल्य होता है वही हमारे देश की जीडीपी होती है। जीडीपी में वस्तु या सेवा के उस मूल्य को शामिल किया जाता है, जो ग्राहक ने खरीदते समय चुकाए हैं।

जीडीपी क्यों निकाली जाती है?

दरअसल किसी भी देश की जीडीपी उस देश के घरेलू उत्पादन की सेहत को मापने का पैमाना होती है। इससे उस देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पता चलता है। साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि उस देश के कौन से सेक्टर में तेजी आई है और कौन से सेक्टर में गिरावट देखने को मिल रही है। इससे सरकार के लिए भी नीतियां बनाना आसान हो जाता है।

जीडीपी के बारे में और विस्तृत से जानने के लिए पढ़े :

जीडीपी कौन जारी करता है?

भारत में जीडीपी जारी करने का नाम सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस करता है। इसके लिए यह पूरे देश से आंकड़े इकट्ठा करता है और उसी आधार पर जीडीपी जारी करता है। वैसे तो कई देशों में साल में एक बार जीडीपी जारी की जाती है, लेकिन भारत ने तिमाही यानी साल में 4 बार जीडीपी के आंकड़े जारी किए हैं।

आम आदमी पर क्या पड़ता है असर?

दरअसल किसी भी देश की जीडीपी का वहां के आम लोगों पर सीधा असर पड़ता है। जीडीपी में गिरावट का मतलब यह होता है कि उस देश में वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन कम हुआ है। इसके चलते कई लोगों की नौकरियां चली जाती हैं। निवेश में कमी आ आती है, इससे नई नौकरियां पैदा नहीं होती हैं। लोगों की औसत आय में कमी आती है। देश में बढ़ती आबादी को देखते हुए संसाधनों का आभाव होने लगता है।

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