राज एक्सप्रेस। 1 रुपए का सिक्का भले ही कीमत में सबसे छोटा है लेकिन अर्थव्यवस्था के लिहाज से इसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे बनाने में सरकार को करीब 1.11 रुपए से लेकर 1.25 रुपए तक खर्च आता है। लेकिन इसके बावजूद भी सरकार 1 रुपए का सिक्का बनाने से पीछे नहीं हटती है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि जब सरकार को 1 रुपए के सिक्के की ढुलाई का खर्च अधिक पड़ता है, तो इसके बावजूद भी सरकार सिक्के का निर्माण क्यों कर रही है। दरअसल इसकी भी खास वजह है। चलिए जनते हैं विस्तार से।
क्यों बनाए जाते हैं 1 रुपए के सिक्के?
आप भी सोच रहे होंगे कि भला 1 रुपए का सिक्का कैसे महंगाई पर लगाम लगा सकता है। दरअसल जब कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स का दाम बढ़ाती हैं तब 1 रुपया काफी अहम रोल निभाता है। क्योंकि मान लीजिए कि अगर सरकार इस सिक्के को बनाना बंद कर दे। तो ऐसी स्थिति में जिस प्रोडक्ट का दाम कंपनियां 1 रुपए बढ़ा रही है, उसका दाम सीधे तौर पर 2 रुपए बढ़ जाएगा। ऐसे में महंगाई बढ़ना स्वाभाविक है। यही कारण है कि सरकार अधिक लागत के बावजूद भी सिक्कों को बनाना बंद नहीं करती।
कितने में बनता है सिक्का?
1 रुपए का सिक्का बनाने में सरकार को इसकी वास्तविक कीमत से भी अधिक खर्च करना पड़ता है। इसे बनाने में 1.11 रुपए से 1.25 रुपए तक का खर्च किया जाता है। यानि सरकार इस सिक्के को बनाने के लिए इसकी वास्तविक कीमत से 11 से लेकर 25 पैसे तक अधिक का खर्च कर रही है। आपको शायद जानकारी हैरानी हो लेकिन हर साल करीब 2 करोड़ सिक्के बनाए जाते हैं।
क्यों जरुरी है सिक्के बनाना?
सिक्कों को बनाने की सबसे बड़ी वजह इसकी लाइफ का लंबा होना है। क्योंकि आमतौर पर यह देखा गया है कि सरकार जो नोट बनाती है, वे समय बीतने के साथ कटने-फटने या खराब होने जैसी समस्या के लपेटे में आ जाते हैं। लेकिन वहीं अगर सिक्कों को देखें तो ये काफी लंबे समय तक टिकते हैं। इसके अलावा नोट को बनाने में कई सिक्यूरिटी फीचर्स का ध्यान रखना पड़ता है, जबकि सिक्कों के साथ ऐसा नहीं होता है। यही वजह है कि सिक्के अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करते हैं।
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