भारत की GDP ग्रोथ को लेकर 3.5% के लगभग रहने का अनुमान Syed Dabeer Hussain - RE
अर्थव्यवस्था

भारत की GDP ग्रोथ को लेकर 3.5% के लगभग रहने का अनुमान

रूस-यूक्रेन के युद्ध का असर कहीं न कहीं देश की GDP पर दिखना ही था। ऐसे में फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत की GDP ग्रोथ लगभग 3.5% के रहने का अनुमान जताया गया है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में बीते 2 सालों से कोरोना कभी तेजी से तो कभी धीमी रफ्तार से लगातार फैलता ही गया है। जिससे बचाव के लिए लॉकडाउन जैसे रास्ते अपनाए गए। हालांकि, लॉकडाउन के बाद से देश को काफी नुकसान उठाना पड़ा। देश आर्थिक मंदी का शिकार हो गया। ऐसे में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर भी कहीं न कहीं दिखना ही है। ऐसे में फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारत की GDP ग्रोथ को लेकर 3.5% के लगभग रहने का अनुमान जताया गया है।

GDP का अनुमान :

दरअसल, आज सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा ताजा आंकड़े जारी किए जाएंगे। इन आंकड़ों को लेकर लगाए गए अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का अनुमान जताया गया है। जिसके अनुसार यह 3.5% के लगभग होने की सम्भावना है। वहीं, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर 5.4% थी। यही आंकड़ा पहली तिमाही में 20.1% और दूसरी तिमाही में 8.4% का था। इन आंकड़ों का अनुमान इसलिए भी कुछ कम है,क्योंकि, देश की GDP पर जनवरी और मार्च के बीच कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट और रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का काफी असर देखने को मिला है। इससे कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि हुई है और इस तिमाही में आर्थिक विकास कम रहने की भी उम्मीद जताई गई है।

पहले भी घटाया गया अनुमान :

बताते चलें, रेटिंग एजेंसीयां भी समय समय पर GDP के आंकड़ों का अनुमान जताते है। जिसे वह देश के हालात देख कर घटाते बढ़ाते है। इसी कड़ी में इससे पहले रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) ने भी 2022-23 के लिए भारत के GDP के अनुमान को घटा दिया था। रेटिंग एजेंसी ने मुद्रास्फीति बढ़ने के कारण 2022 कैलेंडर वर्ष में भारत की GDP वृद्धि 9.1% से धीमी होकर 8.8% रहने का अनुमान जताया है। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक अगले साल की GDP की दर 5.4% रह सकती है।

मूडीज की रिपोर्ट :

मूडीज (Moody's) ने अपनी ग्लोबल मैक्रो रिपोर्ट आउटलुक में कहा कि, 'कच्चे तेल, खाद्य और उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि से भारतीयों की आर्थिक स्थिति और उनकी खर्च करने की क्षमता प्रभावित होगी।' बता दें, हाल ही में मूडीज के अलावा एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने भी चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए GDP की दर 7.3% होने का अनुमान जताया है, जबकि S&P के अनुसार तो साल 2023-24 में GDP की दर 6.5% की हो सकती है। S&P के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की GDP ग्रोथ रेट 8.9% रही है। जबकि, मूडीज के अनुसार साल 2022 में महंगाई दर 6.8% और साल 2023 में 5.2% होने का अनुमान जताया गया है। वहीं RBI के अनुसार, ' 2022-23 में GDP ग्रोथ की दर 5.7% रहने का अनुमान जताया गया है।

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