हाइलाइट्स –
अब आया अनुमानों का बॉस
जानिये क्या कहता है विश्व बैंक अनुमान
भारत 8.3, वैश्विक 5.6% विकास अनुमानित
राज एक्सप्रेस। विश्व बैंक ने मंगलवार को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपने 2021-22 जीडीपी विकास अनुमान को घटाकर 8.3 प्रतिशत कर दिया। यह अनुमान अप्रैल में अनुमानित तौर पर 10.1 प्रतिशत था।
भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में देश-विदेश के तमाम अनुमानों में संशोधन के बाद अब वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने भी अपने अनुमानों में बदलाव किया है। वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने बताया कि; बदलाव की वजह कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी विनाशकारी लहर से आर्थिक सुधार में आ रही बाधा है।
आपको बता दें वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) में 7.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है। विश्व बैंक ने कहा, "कोविड-19 (COVID-19) महामारी की शुरुआत के बाद प्रकोप की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधार की राह में बाधा आ रही है।"
वॉशिंगटन बेस्ड ग्लोबल लेंडर ने वैश्विक आर्थिक संभावनाओं से जुड़ा अपना नवीनतम अंक जारी किया। विश्व बैंक ने कहा कि भारत में COVID-19 की दोबारा आई लहर अपेक्षा के मुकाबले तीक्ष्ण है, इससे आर्थिक सुधार गति प्रभावित हो रही है। इसका असर वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही के दौरान विशेष रूप से सेवाओं में देखा गया।
अनुमानित वृद्धि 31 मार्च, 2021 (FY21) को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में देखे गए 7.3 प्रतिशत एवं 2019-20 में 4 प्रतिशत के विस्तार की तुलना में है।
इस साल अप्रैल में, विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022 के लिए भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में 10.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था। यह जनवरी में अनुमानित 5.4 प्रतिशत से अधिक था। लेकिन अब अनुमानों में कटौती कर दी गई है।
बहुपक्षीय ऋण देने वाली एजेंसी ने कहा कि भारत की जीडीपी 2023-24 में 6.5 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था का 5.6 प्रतिशत विस्तार होना तय है।
"भारत के लिए, अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2021/22 में जीडीपी के 8.3 प्रतिशत का विस्तार करने की उम्मीद है,"विश्व बैंक
गतिविधि को नीतिगत समर्थन से लाभ होगा, जिसमें बुनियादी ढांचे, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य पर अधिक खर्च और सेवाओं और विनिर्माण में उम्मीद से ज्यादा सुधार शामिल है। महामारी खपत और निवेश को कमजोर कर देगी क्योंकि आत्मविश्वास डगमगाया हुआ है इससे बैलेंस शीट प्रभावित होती है।
वर्ल्ड बैंक (World Bank) के मुताबिक वित्त वर्ष 2022/23 में विकास दर धीमी होकर 7.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। यह घरेलू, कॉरपोरेट और बैंक बैलेंस शीट पर COVID-19 के प्रभाव को दर्शाता है। संभवतः उपभोक्ता विश्वास का निम्न स्तर; और नौकरी और आय की संभावनाओं पर अनिश्चितता बढ़ गई है।
महामारी संबंधी बिगड़ते घटनाक्रम के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम फर्मों को तरलता प्रावधान का समर्थन किया। साथ ही गैर-निष्पादित ऋणों के प्रावधान पर नियामक आवश्यकताओं को कम करने के लिए अतिरिक्त उपायों की घोषणा की।
31 मार्च को, विश्व बैंक ने कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था ने पिछले एक साल में COVID-19 महामारी और देशव्यापी तालाबंदी से आश्चर्यजनक रूप से वापसी की है, लेकिन यह अभी संकट से बाहर नहीं आई है।
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डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
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