मूडीज ने जीडीपी फॉरकास्ट में किया सुधार सांकेतिक चित्र
अर्थव्यवस्था

भारत के सरकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति पहले से बेहतर : मूडीज

भारत में ऋण कारोबार की दशा में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, बैंकों पर पुरानी समस्याओं का बोझ पिछले तीन साल में कम हुआ है, कंपनियों की वित्तीय स्थिति भी सुधरी है।

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नई दिल्ली। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत में कर्ज के लेन-देन की दशा में सुधार के बीच प्रमुख सार्वजनिक बैंकों की वित्तीय स्थिति को पहले से मजबूत देखते हुए उनकी वित्तीय-साख का वर्गीकरण ऊंचा कर दिया है।

मूडीज ने शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में भारत के सबसे बड़े वाणिज्यक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में दीर्घकालीन विदेशी मुद्रा जमा की सुरक्षा का स्तर बीएए3 पर बनाए रखने के साथ और एसबीआई की बुनियादी वित्तीय साख (बीसीए) का वर्गीकरण ऊंचा कर दिया है।

एजेंसी ने बैंक ऑफ बड़ौदा केनरा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक की दीर्घकालिक स्थानीय और विदेशी मुद्रा जमा की सुरक्षा की रेटिंग भी बीए 1 से बढ़ाकर बी ए ए 3 कर दी है। इस तरह मूडीज की नजर में इन बैंकों की वित्तीय साख दीर्घकालीन ऋण के लिए भारतीय भारत सरकार की दीर्घकालीन प्रतिभूतियों में निवेश की साख के स्तर पर है।

एजेंसी ने कहा है कि बैंक आफ बडौदा कैमरा और पीएनबी की शुद्ध एनपीए में गिरावट के साथ इनकी बीसीए ऊंची श्रेणी में रखी जा सकती है। बीसीए में सुधार बैंकों की लाभ कमाने की क्षमता और उनके ऋण की गुणवत्ता में सुधार का संकेत माना जाता है।

एसबीआई बैंक ऑफ बड़ौदा कैमरा और पंजाब नेशनल बैंक का सकल एनपीए सितंबर 2022 की समाप्ति पर क्रमश: 3.5, 5.3 ,6.4 और 10.5 फीसदी था जबकि मार्च 2018 में इनका एनपीए सजनी के 10.9 , 12.3 ,11.9 और 18.4 प्रतिशत के बराबर था। यह इनकी एनपीए में तीव्र गिरावट दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान इन बैंकों की शुद्धि एनपीए में भी इसी तरह कमी आई है।

मूडीज ने कहा है कि भारत में ऋण कारोबार की दशा में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, बैंकों पर पुरानी समस्याओं का बोझ पिछले तीन साल में कम हुआ है, कंपनियों की वित्तीय स्थिति भी सुधरी है, क्योंकि वे पिछले एक दशक से अपना ऋण भार हल्का कर रही है। इस दौरान गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) के लिए कर्ज की समस्याएं कम हुई है।

भारत में कोविड-19 जैसे संकट के बावजूद पर्सनल लोन (निजी जरूरत के लिए उधार) के कारोबार का काम अपेक्षाकृत अच्छा है।
मूडीज

रिपोर्ट में कहा गया है कि परिवारों की ऋण पर निर्भरता या आश्रय कम होने से उनको कर्ज देना एशिया के अन्य देशों की तुलना में बेहतर है। मूडीज का हालांकि यह भी कहना है कि भारत में छोटे और मझोले उद्यमों को दिए जाने वाले कर्ज देने में अपेक्षाकृत ऊंचा जोखिम बरकरार है।

मूडीज का मानना है कि ब्याज दर बढऩे से एमएसएमई क्षेत्र के लिए जोखिम बढ़ेगा। इसके अनुसार 30 सितंबर 2022 को स्टेट बैंक की एकीकृत संपत्ति 56000 अरब रुपए ,बैंक ऑफ बड़ौदा की एकीकृत संपत्ति 13,900 अरब रुपए, पंजाब नेशनल बैंक की 14000 अरब रुपए और केनरा बैंक की एकीकृत संपत्ति 13,300 अब रुपए के बराबर थी।

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