राज एक्सप्रेस। जैसा कि, सभी जानते हैं पिछले कुछ महीनों में लगातार भारत की आर्थिक व्यवस्था काफी गड़बड़ाई रही है। वहीं, अब हर सालकी तरह इस साल का आर्थिक बजट भी एक फरवरी को पेश किया जाएगा। 2021 के बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद देश का आर्थिक सर्वेक्षण लोकसभा में बैठक के दौरान पेश किया। इस सर्वेक्षण के तहत देश में आगे की आर्थिक स्थिति को लेकर अनुमान जताया गया है।
अर्थव्यवस्था को लेकर जताया गया अनुमान :
दरअसल, आज देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए लोकसभा में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में वित्त मंत्री सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए बताया कि, इस साल विकास दर में गिरावट दर्ज की जा सकती है, लेकिन अगले साल के लिए विकास दर में बढ़त दर्ज करने का अनुमान भी लगाया जताया गया है। बताते चलें, पेश किए गए इस आर्थिक सर्वेक्षण में कोरोना महामारी और इससे किये गए बचावों के लिये लागू किए गये ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021-22 में तेजी से पुनरूद्धार की उम्मीद जतायी गई है।
आर्थिक वृद्धि दर :
बताते चलें, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 23.9% रही जबकि, दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 7.5% की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, पूरे वित्त वर्ष में 7.7% की गिरावट का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 11% रहने का अनुमान है। बता दें, 2020-21 की आर्थिक समीक्षा मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमण्यम की अगुवाई वाली टीम द्वारा तैयार की गई है। इस आर्थिक समीक्षा में अर्थव्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी गई है। साथ ही आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये आगे किये जाने वाले सुधारों को लेकर भी सुझाव दिये गये हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण का काम :
गौरतलब है कि, आर्थिक सर्वेक्षण का काम बीते एक साल में देश की अर्थव्यस्था के हालात पर प्रकाश डालने का है। इसके साथ ही वर्तमान और भविष्य में अर्थव्यवस्था को और बेहतर करने का रोडमैप भी बताना है।
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