वित्त वर्ष 23 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। Neelesh Singh Thakur - RE
आर्थिक नीति

Union Budget 2022: केंद्रीय बजट की चुनौतियां और उससे निपटने जुटी FM सीतारमण की टीम

सुधारों की नींव रखने किसी ने बैड बैंक और विकास वित्त संस्थान की स्थापना में अहम भूमिका निभाई तो किसी ने आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेजों की बागडोर संभाली जबकि किसी ने एअर इंडिया के निजीकरण पर काम किया।

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स

  • Union Budget 2022 की तैयारी जारी

  • FM सीतारमण की टीम जुटी FY23 की तैयारी में

  • विकास गति को चालू रख पूर्ववत करने की होगी चुनौती

राज एक्सप्रेस। वित्त वर्ष 23 (FY23) के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। केंद्रीय बजट 2022 (Union Budget 2022) में महामारी प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के उपायों पर देश-दुनिया की नजर रहेगी।

राज एक्सप्रेस पर जानिये वित्त मंत्री सीतारमण की उस टीम के बारे में जिस टीम को उस बजट का मसौदा तैयार करना है जिसमें राजकोषीय घाटे और मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखते हुए उच्च विकास को सक्षम करने की आवश्यकता है।

टी वी सोमनाथन, वित्त सचिव और सचिव, व्यय विभाग (T V SOMANATHAN, Finance Secretary and Secretary, Department of Expenditure) -

तमिलनाडु कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी, टीवी सोमनाथन ने विश्व बैंक में एक कार्यकाल के बाद 2015 में प्रधान मंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया। वित्त सचिव के रूप में, सोमनाथन को विकास के लिए धन उपलब्ध कराने से पहले राजकोषीय लक्ष्यों पर नजर रखते हुए कड़े फैसले लेने होंगे।

महामारी की तीसरी लहर ने आर्थिक सुधार पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। आगामी बजट में विकास, खपत और निवेश को बढ़ाने की प्रमुख चुनौती का समाधान करना होगा। सोमनाथन अपने पूंजीगत व्यय बजट को खर्च करने के लिए मंत्रालयों और विभागों पर जोर दे रहे हैं और उम्मीद है कि F23 में भी यह जोर जारी रहेगा।

विभिन्न विभागों और मंत्रालयों की योजनाओं की बारीक समीक्षा बेहतर केंद्रित और कम केंद्रीय योजनाओं के रूप में दिखने की संभावना है।

अजय सेठ, सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग (AJAY SETH, Secretary, department of economic affairs) -

1987 के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अजय सेठ को पिछले साल अप्रैल में आर्थिक मामलों का सचिव नियुक्त किया गया था, तब देश कोविड 19 महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित था।

सेठ ने कर्नाटक में बजट और संसाधनों और वाणिज्यिक कर विभाग को संभाला था। उनके लिए नए बजट में व्यवस्था करना एक कठिन काम होगा क्योंकि महामारी की तीसरी लहर ने जैसे-तैसे संभल रही अर्थव्यवस्था की वापसी की प्रक्रिया को प्रभावित किया है।

उन पर राजकोषीय समेकन रोडमैप की दृष्टि खोए बिना विकास को पुनर्जीवित करने के लिए किए गए उपायों के लिए भी नजर रखी जाएगी।

देबाशीष पांडा, सचिव, वित्तीय सेवा विभाग (DEBASHISH PANDA, Secretary, Department of Financial Services) -

1987 बैच के आईएएस अधिकारी पांडा ने सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों में अगली पीढ़ी के सुधारों की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में आखिरकार बदलाव आया है। आगामी बजट से इसमें और गति मिलने की उम्मीद है।

उन्होंने बैड बैंक और विकास वित्त संस्थान की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जनधन 3.0 पर काम चल रहा है, इन उपायों पर निर्माण के लिए आगामी बजट पर पैनी नजर रखी जाएगी।

तरुण बजाज, सचिव, राजस्व विभाग (TARUN BAJAJ, Secretary, Department of Revenue)

1988 बैच के हरियाणा कैडर के IAS अधिकारी तरुण बजाज ने वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में शामिल होने से पहले प्रधान मंत्री कार्यालय में कार्य किया।

बजाज देश में महामारी की पहली लहर के दौरान आंशिक रूप से लागू तालाबंदी के दौर में मंत्रालय में शामिल हुए थे। ये उन प्रमुख अधिकारियों में से एक थे, जिन्होंने आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेजों (Atmanirbhar Bharat relief packages) का संचालन किया।

बाद में उन्हें राजस्व विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया और उन्हें यथार्थवादी कर लक्ष्य निर्धारित करने का काम सौंपा गया, जिसे सरकार साल-दर-साल मिस कर रही थी और जिससे उसका वित्तीय गणित गड़बड़ा गया था। "कम आंक कर अधिक हासिल करने" के उनके मंत्र के साथ, इस वर्ष विभाग कर संग्रह को पार करने के लिए तैयार है।

उनके विभाग ने पूर्वव्यापी कर संशोधन को वापस लेकर, विवादास्पद उपायों से उत्पन्न कर विवादों के निपटारे का मार्ग प्रशस्त कर विदेशी निवेशकों को कड़ा संदेश दिया है। इस साल बजट में अनुपालन को आसान बनाने और महामारी प्रभावित व्यवसायों और करदाताओं को कुछ राहत देने के उपायों की व्यवस्था की उम्मीद है।

तुहिन कांता पांडे, सचिव, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (TUHIN KANTA PANDEY, Secretary, Department of Investment & Public Asset Management) -

1987 के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी, पांडे ने एअर इंडिया (Air India) के निजीकरण पर काम किया है। इसके अलावा 17 और रणनीतिक बिक्री कतार में हैं। इसके साथ और परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन तैयार है।

मतलब उनके पास आगे एक और एक्शन पैक्ड साल है। जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) की मेगा लिस्टिंग का न केवल सरकार द्वारा अपनी बड़ी खर्च आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, बल्कि बाजारों को भी बेसब्री से इंतजार है।

किसी ने सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों में अगली पीढ़ी के सुधारों की नींव रखने बैड बैंक और विकास वित्त संस्थान की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तो किसी ने आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेजों की बागडोर संभाली जबकि किसी अधिकारी ने एअर इंडिया (Air India) के निजीकरण पर काम किया है।

अब इन सचिवों पर कोरोना वायरस महामारी कोविड-19 के नए संकटों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की चाल को नियंत्रित कर उसे विकास पथ पर अग्रसर करने की जिम्मेदारी है। कहना गलत नहीं होगा महामारी की विषम स्थिति में वित्त मंत्री के साथ बजट बनाने में जुटे इन आईएएस अधिकारियों को तमाम लक्ष्यों को हासिल करने एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा।

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