हाइलाइट्स –
रेल-सड़क निविदा निरस्त
निजी क्षेत्र प्रतिबंध से मुक्त
बोली लगाने वाले प्रतिबंधित
सभी नई निविदाओं पर लागू
राज एक्सप्रेस। इंडियन पब्लिक प्रोक्योरमेंट बिड्स यानी भारतीय सार्वजनिक खरीद बोलियों में चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। जबकि निजी क्षेत्र को इस तरह के किसी भी प्रतिबंध से छूट दी गई है। सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और वित्तीय संस्थान इस आदेश की परिधि में आएंगे।
रेल-सड़क निविदा निरस्त –
राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर भारत ने चीनी कंपनियों के पक्ष में सुरक्षित रेल और सड़क से जुड़ी निविदाओं को निरस्त कर दिया है। भारत ने टिकटोक समेत 59 चाईनीज एप्लिकेशंस को भी वर्जित किया है।
बोली लगाने वाले प्रतिबंधित -
भारत सरकार ने रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर गुरुवार रात चाईना पर प्रतिबंध लागू किए। इसके तहत देशों से बोली लगाने वाले ऐसे लोगों को प्रतिबंधित किया गया है जो सक्षम अधिकारियों से अनुमोदन के बिना सरकारी खरीद के लिए निविदाओं में भाग लेते हैं।
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ये वे लोग हैं जिनके साथ चीन भूमि सीमा साझा करता है। ऐसे बोली लगाने वालों को प्रतिबंधित करके भारत ने चाइनीज कंपनियों की मनमानी पर सख्ती दिखाई है।
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आर्थिक संबंध -
हालांकि इसमें ऐसे देशों को छूट दी गई है जिनसे भारत के क्रेडिट या विकासात्मक सहायता संबंधी आर्थिक संबंध हैं। इस प्रकार चीन और पाकिस्तान पर प्रभावी ढंग से सीमित प्रतिबंध लागू किए गए हैं।
हालांकि 31 दिसंबर 2020 तक कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए चिकित्सा आपूर्ति की खरीद सहित कुछ सीमित मामलों में छूट प्रदान की गई है।
आदेश का दायरा -
निजी क्षेत्र को इस तरह के किसी भी प्रतिबंध से छूट दी गई है। सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक और वित्तीय संस्थान, स्वायत्त निकाय, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) और सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजनाएं जिन्हें सरकार या उसके उपक्रमों से वित्तीय सहायता प्राप्त होती है, इस आदेश के दायरे में रहेंगे।
मंत्रालय का कहना -
वित्त मंत्रालय ने कहा कि "भारत सरकार ने भारत की सुरक्षा के आधार पर भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों के बोली लगाने पर प्रतिबंध लगाने या राष्ट्रीय सुरक्षा सहित प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित मामलों पर प्रतिबंध लगाने में सामान्य वित्तीय नियम 2017 में संशोधन किया है।"
आदेश की शर्तें -
आदेश के अनुसार, भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले ऐसे देशों से कोई भी बोलीदाता सामग्री सेवाओं (परामर्श सेवा और गैर-परामर्शी सेवाओं) या कार्य (टर्नकी परियोजनाओं सहित) से जुड़ी किसी भी खरीद में बोली लगाने के लिए पात्र होगा।
आदेश की शर्तों के मुताबिक बोली तभी लगाई जा सकेगी जब बोली लगाने वाला उद्योग और आंतरिक व्यापार (DPIIT) को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा गठित पंजीकरण समिति के साथ पंजीकृत होगा। इसके लिए क्रमशः विदेश और गृह मंत्रालयों से राजनीतिक और सुरक्षा मंजूरी लेना भी अनिवार्य होगा।
सभी नई निविदाओं पर लागू -
वित्त मंत्रालय के अनुसार नए प्रावधान सभी नई निविदाओं पर लागू होंगे। जबकि पूर्व में आमंत्रित निविदाओँ के बारे में कुछ शर्तों की पहले जांच होगी।
पूर्व की निविदाओँ का क्या? -
मंत्रालय के मुताबिक “पहले से आमंत्रित निविदाओं के संबंध में, यदि योग्यता के मूल्यांकन का पहला चरण पूरा नहीं हुआ है, तो नए आदेश के तहत पंजीकृत नहीं होने वाले बोलीदाताओं को योग्य नहीं माना जाएगा।
यदि इस चरण को पार कर लिया गया है, तो सामान्यतया निविदाओं को रद्द कर दिया जाएगा और प्रक्रिया नये सिरे से शुरू होगी।" इस आर्टिकल के लिए क्लिक करें - क्यों सुहाता है भारत चाइनीज इन्वेस्टर्स को?
सीमा पर तनाव का असर -
भारत-चीन सीमा पर उपजे तनाव के उपरांत भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद से चीनी आयात और निवेश पर भारत में खास सतर्कता बरती जा रही है। चाइना से जुड़े हर छोटे-बड़े मामलों की गहन पड़ताल भी की जा रही है।
आत्मनिर्भरता की नीति -
भारत का लक्ष्य चाइना पर निर्भरता कम करना और उसके साथ व्यापारिक संबंधों में कटौती करना है। डीपीआईआईटी ने अप्रैल में अपनी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में उन सभी देशों के एफडीआई प्रवाह के लिए सरकारी मंजूरी को अनिवार्य करने के साथ-साथ उन देशों के साथ परिवर्तन को अधिसूचित किया है जिनके साथ वह भूमि सीमा साझा करता है।
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निविदाएं रद्द, ऐप्स पर रोक -
भारत ने चीन की कंपनियों द्वारा सुरक्षित रेलवे और सड़क निविदाओं को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर टिकटोक सहित 59 चीनी ऐप्स पर रोक लगा दी है।
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पीएम मोदी का आह्वान -
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि भारत को सौर पैनलों के आयात पर चीन पर देश की निर्भरता को समाप्त करने की आवश्यकता है।
चीन-पाक से आयात नहीं -
इस महीने की शुरुआत में बिजली मंत्री आर.के. सिंह ने घोषणा की थी कि भारत में साइबर सुरक्षा खतरों के कारण चीन और पाकिस्तान से बिजली उपकरणों के आयात की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस आर्टिकल के लिए क्लिक करें -कितनी चिंता करना चाहिए भारत को चाइनीज कंपनियों से?
राज्यों से अपील -
केंद्र ने राज्य सरकारों को राज्य सरकार और राज्य उपक्रमों आदि द्वारा खरीद के आदेश के कार्यान्वयन के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 257 (1) के प्रावधानों को लागू करने के लिए लिखा है।
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है, "राज्य सरकार की खरीद के लिए, सक्षम प्राधिकरण राज्यों द्वारा गठित किया जाएगा लेकिन इसके लिए राजनीतिक और सुरक्षा मंजूरी आवश्यक रहेगी।"
क्या कहता है संविधान? -
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 257 (1) में कहा गया है कि; “हर राज्य की कार्यकारी शक्ति का इतना उपयोग किया जाएगा कि यूनियन की कार्यकारी शक्ति में प्रयोग बाधित या उसमें पक्षपात न हो। साथ ही भारत सरकार को प्रतीत होने पर उस उद्देश्य के लिए किसी राज्य को इस तरह के निर्देश देने हेतु यूनियन की कार्यकारी शक्ति का विस्तार होगा।"
भारत और अमेरिका के चीन से व्यापारिक रिश्तों में आई तल्खी का ही परिणाम है कि कूटनीतिक चाल चल रहा चीन अब चौतरफा घिरता जा रहा है। भारत से व्यापारिक संबंधों के बिगड़ने से चाइना का आर्थिक गणित भी गड़बड़ाएगा इसमें कोई संदेह नहीं है।
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डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
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