भारतीय रिजर्व बैंक के उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण में एक्सपर्ट्स को डगमगाता दिखा ग्राहक का भरोसा। Syed Dabeer Hussain - RE
आर्थिक नीति

RBI के सर्वे में एक्सपर्ट्स को डांवाडोल दिखा उपभोक्ता का विश्वास

खुदरा गतिविधि से लेकर सड़क की भीड़ और बिजली की मांग से लेकर बढ़ती बेरोजगारी के स्तर तक हर चीज में उत्तरोत्तर कमजोरी दिखाई दे रही है।

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स –

  • सर्वे में पता चली सच्चाई

  • ग्राहक की स्थिति कमजोर

  • डगमगाया उपभोक्ता विश्वास

राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था में भारतीय उपभोक्ताओं का विश्वास भी डांवाडोल दिख रहा है। इन दिनों जारी किये जा रहे आंकड़ों में कुछ यही तस्वीर नज़र आ रही है

आरबीआई (RBI) का सर्वे

भारतीय रिजर्व बैंक ने उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (consumer confidence survey) कराया है। इसके अनुसार, मौजूदा स्थिति सूचकांक मार्च में 53.1 के मुकाबले गिरकर मई में रिकॉर्ड 48.5 पर आ गया। इसमें 100 वह स्तर है जो निराशावाद को आशावाद से विभाजित करता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक आरबीआई के सर्वे में उत्तरदाताओं में साल-आगे की संभावनाओं के बारे में अनिश्चितता नजर आई है. सर्वे की समीक्षाधीन अवधि में भविष्य की उम्मीदों का सूचकांक 108.8 से गिरकर 96.4 पर दर्ज किया गया।

गृहस्थी पर असर

आरबीआई ने आर्थिक स्थिति और नौकरी की संभावनाओं के बारे में उपभोक्ताओं की चिंता का हवाला देकर बताया है कि; "नवीनतम सर्वेक्षण दौर में घरेलू खर्च भी कमजोर प्रतीत हुआ।" यहां तक ​​​​कि आवश्यक खर्च भी "संयम के संकेत दिखा रहा था जबकि नॉन-एसेंशियल स्पेंडिंग कॉन्ट्रैक्ट कंटिन्यू है।"

अर्थव्यवस्था के लिहाज से खराब

बिजनेस से जुड़े लोगों के अनुसार मुख्य रूप से खपत से संचालित अर्थव्यवस्था के लिए ऐसा होना बुरी खबर है।

विश्लेषकों के मुताबिक उच्च आवृत्ति संकेतकों के साथ खुदरा गतिविधि से लेकर सड़क की भीड़ और बिजली की मांग से लेकर बढ़ती बेरोजगारी के स्तर तक हर चीज में उत्तरोत्तर कमजोरी दिखाई दे रही है।

मुद्रास्फीति का इशारा

एक सिंडिकेट फीड के मुताबिक एक अन्य सर्वेक्षण में मुद्रास्फीति का इशारा मिला है। सर्वे के मुताबिक मौद्रिक नीति निर्माताओं के लिए मूल्य-वृद्धि में लाभ के कारण एक साल से अधिक समय पहले ब्याज दरों में कटौती को रोकना एक चुनौती था।

आरबीआई ने कहा कि मौजूदा अवधि के लिए परिवारों की औसत मुद्रास्फीति की धारणा 150 आधार अंक बढ़कर 10.2 प्रतिशत हो गई, जबकि तीन महीने के लिए मुद्रास्फीति की उम्मीद मार्च 2021 के सर्वेक्षण की तुलना में 70 आधार अंक बढ़कर 10.8 प्रतिशत हो गई। एक साल आगे के लिए मध्य मुद्रास्फीति की उम्मीदें भी 10.9 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर रहीं।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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