हाइलाइट्स :
GST कलेक्शन में दर्ज की गई गिरावट
सरकार टैक्स फ्रॉड रोकने के लिए करेगी कार्यवाही
2019 में 8000 करोड़ फर्जी बिलिंग के मामले सामने आने का अनुमान
केंद्र सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति गठित की
GST काउंसिल बैठक में हो सकता है ई-इनवॉसिंग लागू होने से जुड़ा फैसला
राज एक्सप्रेस। लगातार कुछ समय से GST (गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स) कलेक्शन में गिरावट दर्ज की रही है, जिसके चलते केंद्र और राज्य सरकारों की परेशानियां बढ़ती जा रही है। अब सरकार टैक्स से जुड़े फ्रॉड को रोकने के लिए कार्यवाही करेगी। इन फ्रॉड्स में हाल ही की फर्जी बिलिंग और इनुपट टैक्स क्रेडिट लेने के फर्जी तरीके वाले मामले शामिल है। इसके अलावा बिना सप्लाई के क्रेडिट क्लेम करने की मोडस ऑपरेंडी वैट और एक्साइज रिजीम जैसी घटनाएं भी GST के फूलप्रूफ होने के विपरीत दिशा में लेजा रहे हैं, इस पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। हालांकि उम्मीद लगाई जा रही है कि, जो मामले सामने आये हैं वो वास्तविक फ्रॉड का 10-15% ही हैं।
पिछले साल के मामले :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, पिछले साल GST फ्रॉड के लगभग 38000 करोड़ मामले सामने आये थे, जिनमें से 11,251 करोड़ रूपये की रकम से जुड़े मामले सिर्फ फेक बिलिंग कर क्रेडिट क्लेम के द्वारा किये गए थे।
इसी वित्त वर्ष 2019 में बीते सात माह में लगभग 8000 करोड़ से भी अधिक फर्जी बिलिंग के मामले सामने आने का अनुमान है।
देश की राजधानी में GST लागू होने के बाद से सेंट्रल और स्टेट GST अधिकारियों द्वारा इस साल के बीते महीनों से अभी तक लगभग 1000 करोड़ की रकम से जुड़े GST फ्रॉड मामले पकड़े जा चुके हैं। इन मामलों में शामिल इंटरस्टेट कंपोनेंट के साथ राशि को बड़ा चढ़ा कर बताया जा रहा है।
दिल्ली GST के अधिकारियों ने बताया कि,
'एम्पॉर्ड कमेटी की हालिया बैठक में दिल्ली सहित कई राज्यों ने जीएसटी सिस्टम के रेवेन्यू लीकेज रोकने की क्षमता पर सवाल उठाया है और कहा है कि प्री-जीएसटी रिजीम में भी इतनी फर्जी बिलिंग और फर्जी क्रेडिट क्लेम नहीं होते थे। अकेले इसी साल डिटेक्टेड और अनडिटेक्टेड मिलाकर करीब 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की फर्जी बिलिंग की आशंका है। हालांकि केंद्रीय अधिकारियों ने इसे इस रूप में देखने की नसीहत भी दी कि चुस्त सिस्टम के चलते ही मामले पकड़ में आ रहे हैं।"GST अधिकारी
सख्त फैसलों की सिफारिश :
GST कलेक्शन में आ रही कमी को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है, जिस के द्वारा फर्जी बिलिंग और फर्जी क्रेडिट रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए सिफारिश की है। जिसके तहत कुछ समय पहले कई फैसले लिए गए, जिनमे मिसिंग इनवॉइसेज के अगेंस्ट इनपुट क्रेडिट की सीमा 20% तय करना भी शामिल था। उम्मीद की जा रही है कि, GST काउंसिल की होने वाली बैठक में ई-इनवॉसिंग लागू होने से जुड़ा कोई फैसला हो।
अधिकारियों ने बताया :
अधिकारियों ने बताया है कि, मैनुअल एन्फोर्समेंट टीमों के द्वारा फर्जी बिलिंग की देखरेख नहीं हो सकती है और अब तक भी जो मामले सामने आये वो सब भी बैकएंड सिस्टम की प्रोसेसिंग में ही ट्रेस हुए हैं। वहीं अधिकारियों ने ई-बिलिंग के प्रस्ताव पर बताते हुए कहा कि, "ई-बिलिंग पहले 50 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले कारोबारियों पर लागू करने का प्रस्ताव था, जिसे बाद में 500 करोड़ और फिर स्वैच्छिक करने पर सहमति बनी, लेकिन अब केंद्र और राज्य इसे लागू करने पर गंभीर दिख रहे हैं।"
ई-बिलिंग लागू के लिए सुझाव:
इन फ्रॉड के मामलों में छोटे डीलर्स की संख्या भी ज्यादा ही हैं कई डीलर्स ने तो O से 5 करोड़ तक टर्नओवर दिखाया है। इन हालातों में सुझाव यह आ रहे हैं कि, डेढ़-दो करोड़ टर्नओवर पर ही ई-बिलिंग लागू की जाये।
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