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FCNR पर ज्यादा रिटर्न की वजह से प्रवासियों ने रिकॉर्ड 29 अरब डॉलर भारत भेजे

Author : Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • यह सबसे ज्यादा धनराशि भेजे जाने का अब तक रिकार्ड

  • सबसे ज्यादा 23 फीसदी धन अमेरिका से भारत भेजा गया

  • खाड़ी देशों से आने वाली राशि में गिरावट देखने को मिली

राज एक्सप्रेस। विदेश में रहने वाले भारतीयों ने दिसंबर तिमाही में रिकॉर्ड 29 अरब डॉलर की धनराशि भारत भेजी हैं। हाल के दिनों में विदेश में रह रहे भारतीयों द्वारा धन भेजने के प्रवाह में तेजी देखने को मिल रही है। इसका कारण यह है कि विदेशी मुद्रा-गैर निवासी यानी एफसीएनआर से मिल रहे रिटर्न में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। पश्चिमी देशों के बैंकों के जमा की तुलना में, भारत में ज्यादा ब्याज मिल रहा है।

उल्लेखनीय है कि विदेशी मुद्रा अनिवासी (एफसीएनआर) एनआरआई के लिए भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट खाता बनाए रखने के लिए एक बैंक खाता है। यह खाता आपको एक एनआरआई के रूप में अपने अर्जित धन को उस देश की मुद्रा के रूप में सहेजने की अनुमति देता है, जहां से आपने मूल रूप से धन कमाया है। कोई भी अनिवासी भारतीय एफसीएनआर खाता खोल सकता है। इनमें केवल विदेशी मुद्रा ही जमा होती है। विदेशी मुद्रा को छोड़कर, एफसीएनआर बिल्कुल वैसे ही हैं, जैसे भारतीय नागरिकों के लिए सावधि खाता या एफडी हैं।

एफसीएनआर खाते में अमेरिकी डॉलर, पाउंड स्टर्लिंग, यूरो, जापानी येन, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर और कनाडाई डॉलर जैसी मुद्राएं रखी जा सकती हैं। क्योंकि पैसा उन मुद्राओं में रखा जा रहा है, विनिमय दर में उतार-चढ़ाव का जोखिम समाप्त हो गया है। ऐसी जमाओं पर ब्याज आयकर से मुक्त रखा गया है। इस प्रकार रिटर्न अधिक और जोखिम मुक्त है, और निवेश शुरू करने के लिए यह एक अच्छी जगह हो सकती है। ये जमा खाते एक सावधि जमा खाते हैं, बचत नहीं।

आप परिपक्वता तिथि से पहले अपना पैसा निकाल सकते हैं, इस पर आपको कोई शुल्क नहीं लगेगा। लेकिन अगर आपने एक साल पूरा होने के पहले पैसे निकाले तो ब्याज का भुगतान नहीं किया जाएगा। एनआरई खाता खोलना आसान है। आपकी अर्जित सारी राशि, मूलधन और ब्याज, साथ ही ओवरड्राफ्ट जैसी ऋण सुविधाएं, सभी प्रत्यावर्तन योग्य हैं। एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, यस बैंक, आईडीबीआई और एक्सिस बैंक जैसे सभी प्रमुख बैंक आपको एफसीएनआर खाता खोलने की सुविधा देते हैं।

इसी की वजह से विदेश से आने वाले पैसे के प्रवाह में हाल के दिनों में तेजी आ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार 1991 में उदारीकरण के बाद से अब तक का यह रिकॉर्ड है। कोविड के बाद आंकड़ों से पता चला है कि सबसे ज्यादा रकम 23 फीसदी अमेरिका से भारत भेजी गईु है। इसके विपरीत खाड़ी के देशों से आने वाली धनराशि में गिरावट देखने को मिल रही है। विश्लेषकों के अनुसार, पिछला वित्त वर्ष वैश्विक स्तर पर अच्छा वर्ष रहा है।

हाल के दिनों में आने वाली रिकॉर्ड धनराशि की कई वजहें हो सकती हैं। पहला कारण त्योहारी सीजन में परिवारों की जरूरतों के लिहाज से पैसा भेजना है। दूसरा डॉलर की तुलना में रुपये में गिरावट और तीसरा सबसे प्रमुख कारण बैंकों की ओर से एफसीएनआर में ज्यादा ब्याज मिलना है। अप्रैल-जनवरी 2023-24 के दौरान एफसीएनआर जमा में कुल 4.15 अरब डॉलर की रकम डाली गई है। यह पिछले साल की तुलना में तीन गुना से अधिक है।

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