DHFL promoter Kapil Wadhawan pleaded to get himself out of jail Kavita Singh Rathore -RE
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DHFL प्रमोटर कपिल वधावन ने लगाई खुद को जेल से बाहर निकालने की गुहार

काफी समय से मुश्किलों में चल रही कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर कपिल वधावन जेल में बंद हैं। उन्होंने अब जेल से बाहर आने के लिए गुहार लगाई है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। पिछले साल दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) से जुड़ा UPCL का घोटाला सामने आने के बाद इस साल जनवरी में DHFL से जुड़ा एक अन्य के CMD कपिल वधावन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लांड्रिंग का एक मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वधावन को गिरफ्तार किया था। वहीं, यह मामला एक बार फिर चर्चा में है। इस मामले में अब कपिल वधावन ने खुदको जेल से बाहर निकालने की गुहार लगाई हैं।

कपिल वधावन ने लगाई गुहार :

दरअसल, काफी समय से मुश्किलों में चल रही कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर कपिल वधावन जेल में बंद हैं। उन्होंने अब जेल से बहार आने के लिए गुहार लगाई हैं। उन्होंने गुहार लगते हुए अपनी लगभग 44 हजार करोड़ रुपये की पारिवारिक संपत्ति देने का प्रस्ताव रखा है। जिसके बदले वह खुद की रिहाई चाहते हैं। बताते चलें, उन्होंने कहा है कि, वह अपनी पारिवारिक संपत्ति की रकम से बैंकों का बकाया लोन चुकाने के लिए तैयार है। यह बात उन्होंने रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक आर सुब्रमण्यम कुमार को लिखे लेटर में कही है। बताते चलें, फिलहाल, कपिल वधावन के साथ उनके भाई धीरज वधावन भी मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं।

DHFL की दिवालिया प्रक्रिया :

बताते चलें, कपिल वधावन ने लेटर में जिस सम्पति की बात की है, उसमे परिवार के विभिन्न रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के अधिकार, मालिकाना हक और हिस्सा शामिल है। वह यह सब बैंको के नाम ट्रांसफर करने के लिए तैयार हैं। इस सपत्ति के द्वारा ज्यादा से ज्यादा कीमत मिलेगी। जिससे DHFL की दिवालिया प्रक्रिया पूरी हो सकती है। बताते चलें, कपिल वधावन ने ये लेटर नौ पेज में लिखा है। इसमें DHFL के पास 10 हजार से 15 हजार करोड़ रुपये के बीच कलेक्शन होने की बात भी कही गई है। जिसे वह बैंकों को देने के लिए तैयार हैं।

कपिल वधावन का कहना :

कपिल वधावन का कहना है कि,

'सितंबर 2018 में जब गैर ​बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) IL&FS संकट में आई, तबसे न केवल डीएचएफएल बल्कि सभी NBFC भारी वित्तीय संकट से गुजर रही हैं, उन्होंने दावा किया कि उनकी कंपनी ने 44,000 करोड़ रुपये की देनदारी को पूरा करने के लिए आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, अवांस फाइनेंशियल, DHFL प्रमेरिका एसेट मैनेजर्स और DHFL प्रमेरिका ट्रस्टी लिमिटेड के ऐसट बेचने का प्रयास किया था।'

क्या था मामला ?

दरअसल, पिछले साल जब DHFL से जुड़ा मामला सामने आया था तब ED ने DHFL और इससे जुड़ी कंपनियों के मुंबई और उससे लगे हुए शहरों के 12 से भी ज्यादा ठिकानों पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग कानून (PMLA) के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए छापेमारी की थी, जिससे DHFL के कई अन्य मामलों से जुड़े राज खुल कर सामने आये। जांच में ही पता चला कि, DHFL ने एक सबलिंक रियल एस्टेट कंपनी को 2,186 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। इसी मामले में मनी लांड्रिंग करने के लिए DHFL के CMD कपिल वधावन का नाम सामने आया है। एजेंसी ने मामले की जांच कर सम्बंधित डाक्यूमेंट्स और अन्य सामग्रियों की तलाश की और DHFL निदेशकों कपिल और धीरज वधावन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया। हालांकि, उस मामले से पहले DHFL ने अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी।

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