दिल्ली, भारत। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) की सेवाएं दिल्ली वासियों के लिए काफी अहम् है। DMRC भी अपने यात्रियों का विशेष ध्यान रखता है। हालांकि, कोरोना काल के दौरान दिल्लीवासियों को मेट्रो न चलने से बहुत ही असुविधा हुई थी, लेकिन उसक बाद से DMRC द्वारा अपने यात्रियों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसी कड़ी में हाल ही में एक खबर सामने आई थी कि, DMRC ने खर्च कम करने के मकसद से यलो लाइन की मेट्रो का परिचालन प्राइवेट कंपनी को सौंप दिया है, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि, यह फैसला गलत तो नहीं था।
DMRC का फैसला :
दरअसल, पिछले कुछ समय से दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) बुरी तरह नुकसान का सामना कर रही है। यह घाटा कई हजार करोड़ रुपये का है। इसी घाटे के चलते DMRC कई तरह के फैसले ले रही है। वहीं, हाल ही में यलो लाइन की मेट्रो का परिचालन प्राइवेट कंपनी को सौंपा गया था, लेकिन इस फैसले को लेकर अब विचार करना पड़ रहा है, क्योंकि, 30 अगस्त को बादली डिपो से यात्री सेवा के लिए निकल रही मेट्रो ट्रेन तकनीकी लापरवाही के कारण पटरी से उतरने की खबर सामने आई थी। हालांकि, DMRC ने प्राइवेट एजेंसी के आपरेटर को हटा दिया था, लेकिन इस तरह के मामले अब भी नहीं थम रहें हैं।
हो सकता था बड़ा हादसा :
बताते चलें, पिछले दिनों सामने आये मामलों के तहत यलो लाइन पर ही क्रास ओवर पर गलत ट्रैक पर मेट्रो के जाने का भी मामला सामने आया था। इसके बाद लगभग साढ़े चार घंटे मेट्रो की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई और यात्रियों को परेशान होना पड़ा। खबर यह है कि, हुडा सिटी सेंटर की ओर जा रही मेट्रो ट्रेन घिटोरनी स्टेशन के नजदीक क्रास ओवर पर ट्रैक बदलने की जगह दूसरे ट्रैक पर चली गई थी। ऐसे हालात में यदि सूरी लाइन ओर मेट्रों होती तो बड़ा हादसा भी हो सकता था। इस तरह की खबरें सामने आने से ऐसा मन जा रहा है कि, दिल्ली मेट्रो का परिचालन प्राइवेट कंपनी को देना कहीं गलत फैसला तो नहीं था क्योंकि, इससे भविष्य में DMRC को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
DMRC ने शुरू की जाँच :
इस मामले की खबर लगते ही दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) द्वारा इस मामले की जाँच शुरू कर दी गई है। इस मामले में येलो लाइन पर मेट्रो का परिचालन देखने वाली प्राइवेट एजेंसी के आपरेटर (चालक) की लापरवाही का मामला समझ आ रहा है। फ़िलहाल चालक को हटा दिया गया है और आगे की जांच जारी है। DMRC का कहना है कि, 'तकनीकी कारणों से मेट्रो का परिचालन प्रभावित होने की हर घटना की जांच कराई जाती है। इस मामले की भी जांच रही है। बता दें कि पिछले साल जून से यलो लाइन पर परिचालन की जिम्मेदारी एक निजी एजेंसी संभाल रही है, इसलिए निजी एजेंसी के माध्यम से 150 चालक तैनात किए गए हैं।'
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