अशनीर ग्रोवर के खिलाफ जारी हुआ समन Social Media
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अशनीर ग्रोवर के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में मामला दर्ज, जारी हुआ समन

पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में चल रहे शो शार्क टैंक में जज रहे अशनीर ग्रोवर इन दिनों चर्चा में हैं।उनके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से एक समन जारी हुआ है।

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में चल रहे शो शार्क टैंक में जज रहे अशनीर ग्रोवर इन दिनों चर्चा में हैं। बता दें, वह अपनी निजी जिंदगी में भारतपे (BharatPe) के को-फाउंडर रह चुके है। उनके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से एक समन जारी हुआ है। यह समन कंपनी के ही दूसरे को-फाउंडर की तरफ से दायर की गई याचिका के चलते जारी किया गया है।

अशनीर ग्रोवर के खिलाफ समन जारी :

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतपे (BharatPe) के को-फाउंडर रह चुके अशनीर ग्रोवर को समन जारी किया है। उनके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जो कि, कंपनी के ही दूसरे को-फाउंडर भाविक कोलाडिया द्वारा दायर की गई है। इस याचिका पर कार्यवाही करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें समन जारी किया है। इस याचिका के माध्यम से भाविक कोलाडिया ने अशनीर ग्रोवर को ट्रांसफर किए गए शेयर्स को री-क्लेम करने की मांग की है। हाईकोर्ट द्वारा जारी सामान से अशनीर ग्रोवर की मुश्किलें कुछ बढ़ती नजर आ रही है। इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ में लगभग एक घंटे तक सुनवाई चली।

कोर्ट के निर्देश :

कोर्ट द्वारा अशनीर ग्रोवर को निर्देश देते हुए कहा है कि, 'अगला आदेश आने तक वह 16,110 शेयरों कोई थर्ड पार्टी अधिकार जारी नहीं कर सकते है। ग्रोवर को हफ्तेभर के भीतर हलफनामा दायर करना होगा। इसके लिए उन्हें चार हफ्तों का समय दिया गया है। साथ ही उन्हें चार हफ्ते के अंदर इस मामले पर जवाब देना होगा। इतना ही नहीं इसके अलावा भाविक कोलाडिया और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा कोर्ट में कई तरह की दलीलें पेश की गई है। 

मुकुल रोहतगी ने बताया :

मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि, '3 दिसंबर 2018 को कोलडिया ने ग्रोवर से 88 लाख रुपये में अपने 1600 शेयर बेचने का सौदा किया था। पर उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया। अब इन शेयरों की संख्या 16000 के पार पहुंच चुकी हैं। कोलाडिया के अनुसार उसने ये शेयर ग्रोवर वापस लौटाने के लिए दिए थे, ऐसे में इन शेयरों को ग्रोवर को सौंपे जाने की जरूरत नहीं है। वे इन शेयरों को वापस चाहते हैं क्योंकि वह सौदा ट्रांजेक्शन विदाउट कंसिडरेशन था। रोहतगी के अनुसार कोलाडिया इन शेयरों को वापस पाने के हकदार हैं। बता दें कि भारतपे एक अनलिस्टेड कंपनी है।'

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