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डाबर के उत्पादोॆं से गर्भाशय का कैंसर होने का दावा, अमेरिका और कनाडा में 5 हजार से अधिक केस दर्ज

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • डाबर ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद

  • डाबर ने कहा इन आरोपों में एक अधूरे अध्ययन को आधार बनाया गया है

  • मामला सामने आने के बाद डाबर इंडिया के शेयरों में दर्ज की गई बड़ी गिरावट

राज एक्सप्रेस। डाबर इंडिया की तीन सहायक कंपनियों नमस्ते लेबोरेटरीज एलएलसी, डर्मोविवा स्किन एसेंशियल्स इंक और डाबर इंटरनेशनल के खिलाफ अमेरिकी फेडरल कोर्ट में 5,400 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। डाबर के हेयर रिलैक्सर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने वाले लोगों ने आरोप लगाया है कि इसका प्रयोग करने पर गर्भाशय का कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियां हो रही हैं। डाबर इंडिया ने बुधवार देर रात स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि अमेरिका और कनाडा में संघीय और राज्य अदालतों में केस दायर किए गए हैं। कंपनी ने बताया कि ये मामले अभी एकदम शुरुआती स्थिति में हैं। कंपनी ने कहा कि केस दायर होने का मतलब यह नहीं है कि कंपनी को दोषी ठहरा दिया गया है।

अब तक 5400 मामले कोर्ट में दर्ज

वर्तमान में, एमडीएल में लगभग 5,400 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें नमस्ते, डर्मोविवा और डीआईएनटीएल और कुछ अन्य कंपनियों को प्रतिवादी बनाया गया है। कंपनी ने बताया कि कि हेयर रिलैक्सर उत्पाद को लेकर कुछ उपभोक्ताओं ने आरोप लगाए हैं कि इसमें ऐसे रसायन पाए गए, जिनकी वजह से स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। डाबर ने कहा कि उसके खिलाफ सभी आरोप प्रमाणित नहीं हुए हैं। डाबर के प्रवक्ता ने कहा सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। इन आरोपों में एक अधूरे अध्ययन को आधार बनाया गया है। सहायक कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद डाबर के शेयरों में बिकवाली का दबाव दिखाई दे रहा है।

हेयर, हेल्थ और स्किन केयर प्रोडक्ट बनाती है डाबर

डाबर समूह की कंपनी नमस्ते लेबोरेटरीज हेयर और स्किन केयर प्रोडक्ट बनाने वाली एक जानी-मानी कंपनी है। कंपनी ने हेयरकेयर सेगमेंट में रिलैक्सर्स, ऑयल, शैंपू, हेयर क्रीम जैसे कई उत्पाद अमेरिकी बाजार में उतारे हैं। डाबर ने सन 2010 में नमस्ते लेबोरेटरीज का अधिग्रहण किया था। समूह की दूसरी कंपनी डर्मोविवा स्किन एसेंशियल्स ने खुद को हर्बल एक्सपर्ट के रूप में स्थापित कर रखा है।

इसके हेयर केयर से संबंधित प्रोडक्ट में डैंड्रफ गार्ड, हेयर फॉल कंट्रोल, नाइट रिपेयर, वॉल्यूम एंड थिकनेस जैसे प्रमुख उत्पाद आते हैं। डर्मोविवा, इसके अलावा कई अन्य उत्पाद भी बनाती है। दुबई में मुख्यालय वाली डाबर इंटरनेशनल, डाबर इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। उल्लेखनीय है कि डाबर इंडिया 130 साल से ज्यादा पुरानी कंपनी है। इसकी शुरुआत 1884 में कोलकाता से की गई थी। डाबर इंडिया, आमला हेयर ऑयल और वाटिका शैंपू के साथ कई अन्य उत्पादों की श्रंखला तैयार करती है।

इसी साल डाबर के शहद को लेकर भी सामने आया था मामला

आपको याद होगा कि इसी साल डाबर इंडिया के शहद में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल्स की मौजूदगी का दावा किया गया था। कहा जा रहा था कि डाबर के शहद में कार्सिनोजेनिक तत्व सीमा से अधिक है। इस पर कंपनी ने अपने बचाव में दावा किया था कि उसके प्रोडक्ट उत्पाद एफएसएसएआई स्टैंडर्ड के अनुसार उत्पादित किए जाते हैं। इनमें किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना नहीं है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भारत में भी जॉनसन एंड जॉनसन के टॉल्क पर कैंसर पैदा करने का आरोप लगाया गया था।

यह मामला सामने आने के बाद, जॉनसन के बेबी पाउडर बनाने के लाइसेंस को महाराष्ट्र सरकार ने कैंसिल कर दिया था। इस फैसले को जानसन एंड जानसन ने बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद इसे फिर से मैन्युफैक्चरिंग करने की इजाजत मिल गई थी। दिसंबर 2018 में एक निरीक्षण के दौरान एफडीए ने क्वालिटी चेक के लिए पुणे और नासिक से जॉनसन एंड जॉनसन के टैल्क-आधारित बेबी पाउडर के सैंपल लिए थे। इनमें मुलुंड प्लांट में बने सैंपल को गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाया गया था।

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