राज एक्सप्रेस । इस समय सबकी निगाहें आज रात आठ बजे तक गुजरात में सौराष्ट्र और कच्छ के समुद्र तट से टकराने वाले बिपरजॉय चक्रवात पर लग गई हैं। केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक इससे निपटने की तैयारियों में लगी हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह चक्रवात सिर्फ जान-माल की हानि ही नहीं करता, बल्कि इकोनॉमी को भी तगड़ा नुकसान पहुंचाता है। राष्ट्रीय और राज्य सरकार इस समय पश्चिमी तट से आज रात के आठ बजे तक टकराने वाले चक्रवाती तूफान से निपटने की तैयारियों में लगी है। चक्रवात सिर्फ जान-माल की हानि ही नहीं करता, बल्कि देश और उस क्षेत्र की इकोनॉमी को भी काफी नुकसान पहुंचाता है, जहां ये धरती से टकराता है। बिपरजॉय को अब गुजरात के समुद्र तट के काफी निकट आ गया है। अनुमान है कि यह चक्रवाती आज गुरुवार रात सात-आठ बजे तक कच्छ और सौराष्ट्र के समुद्र तट से टकराएगा। इससे बचाव के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां की गई हैं।
बिपरजॉय चक्रवात के तट से टकराने के बाद हवा की गति 150 किमी तक जाने की आशंका है। इसी के साथ इलाके में काफी तेज बारिश होने का भी अनुमान है। इसे देखते हुए सरकार ने गुजरात के 8 जिलों से करीब 50,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। भारतीय रेलवे करीब 70 ट्रेनों को कैंसिल कर चुका है। वहीं भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल से लेकर राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की टीम भी लोगों की मदद के लिए तैनात कर दी गई ह।
चक्रवात न सिर्फ लोगों के जान-माल की हानि की आशंका पैदा करता है, बल्कि इससे प्रभावित इलाकों में काम करने वाले मछुआरों, दैनिक मजदूरों और बंदरगाहों पर काम करने वाले इत्यादि लोगों की आजीविका पर भी असर डालता है। तूफान की वजह से समुद्र में जाना संभव नहीं होने के कारण मछुआरों की दैनिक आय बंद हो जाती है। बंदरगाहों पर भी कामकाज बंद हो जाता है। जिससे वहां लगे हजारों लोग कुछ समय के लिए बेरोजगार हो जाते हैं। इसके साथ ही एक्सपोर्ट से जुड़ी गतिविधियां भी बंद हो जाती हैं। एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों को कुछ समय के लिए अपने कंसाइनमेंट रोकने पड़ते हैं। इस तरह साइक्लोन देश के एक्सपोर्ट को भी प्रभावित करता है।
बिपरजॉय चक्रवात देश के सबसे अमीर मुकेश अंबानी और उद्योगपति गौतम अडानी के कारोबार पर भी असर डालेगा। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज दुनिया की सबसे बड़ी जामनगर रिफाइनरी चलाती है। इसके लिए कच्चे तेल की आपूर्ति और निर्यात गुजरात के बंदरगाह से ही होता है। चक्रवाती तूफान को देखते हुए कंपनी ने सिक्का बंदरगाह से डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की शिपिंग को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा देश के अन्य स्पोर्टरों का भी कामकाज प्रभावित होगा। वे अपने कंसाइनेंट समय पर नहीं भेज पाएंगे। इससे उन्हें और देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान होगा। आमतौर पर हम ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के बारे में उससे हुई जानमाल की क्षति का ही आंकलन करते हैं। चक्रवाती तूफान की वजह से अर्थव्यवस्था को लगने वाली चोट भी तगड़ी होती है, लेकिन उस की प्रायः चर्चा नहीं होती।
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