राज एक्सप्रेस। बीते सालों में देश में कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण सभी देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। हालांकि, उस समय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन पिछले साल तेल की कीमतों में काफी बढ़त दर्ज हुई थी। जो दुनियाभर में लगभग दो साल बाद अपने उच्च स्तर पर जा पहुंची थी। वहीं, मार्च में कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतें बीते 8 सालों के अपने उच्चतम स्तर पहुंच गई थीं। हालांकि, अब कच्चे तेल (क्रूड ऑइल) की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है।
कच्चे तेल में दर्ज हुई गिरावट :
दरअसल, 8 सालों के अपने उच्चतम स्तर पर नज़र आने के बाद अब कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज हुई है। हालांकि, बीते दिनों भी कच्चे तेल (क्रूड ऑइल) की कीमतों में तेजी ही देखने को मिल रही थी है। लगातार बढ़त के बाद गिरावट का ये दौर बुधवार को जारी हुआ जो आज यानी गुरुवार को भी जारी रहा। क्रूड में दर्ज हुई गिरावट से महंगाई पर ब्रेक लगने की उम्मीद नज़र आने लगती है। क्योंकि, ऐसा माना जाता है कि, भारतीय बाजारों में कच्चे तेल में गिरावट दर्ज होना महंगाई को कम करने मददगार साबित होता है और इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी गिरावट दर्ज होती है। बता दें, कच्चे तेल की कीमत में गिरावट के बाद भी गुरुवार को पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
अधिकारियों का कहना :
अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed Reserve) के अधिकारियों का कहना है कि, 'महंगाई को रोकने के लिए ब्याज दरों को 5% से ऊपर रखने की जरूरत है। इससे बाजार में गिरावट देखने को मिली। अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट के आंकड़े देंखे तो, अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 13 जनवरी के खत्म सप्ताह में 76 लाख बैरल बढ़ गया। माना जा रहा था कि, इसमें छह लाख बैरल की कमी आएगी। चीन ने कोरोना पाबंदियों में हाल में ढील दी थी जिस कारण कच्चे तेल की कीमत में तेजी देखने को मिली थी। चीन दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक है।'
क्रूड की कीमत :
बताते चलें, बीते साल मार्च में कच्चे तेल की कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल थी। जबकि, अब इसमें काफी गिरावट दर्ज हुई थी और इस गिरावट के बाद यह 75 डॉलर के लगभग पहुंच गया था। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में ब्रेंट क्रूड (Brendt Crude) और यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट क्रूड (WTI) दोनों में ही हल्की फुल्की गिरावट देखी गई। ब्रेंट फ्यूचर्स 98 सेंट की गिरावट के साथ 84.00 डॉलर प्रति बैरल पर था। इसी तरह WTI भी 1.06 डॉलर की गिरावट के साथ 78.42 डॉलर पर आ गया। बुधवार को ब्रेंट में 73 सेंट और डब्ल्यटीआई में 86 सेंट की गिरावट आई थी।
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