राज एक्सप्रेस। चीन के साथ हुए विवादों और कोरोना के चलते साल 2020 भारत के लिए काफी बुरा साबित हुआ, लेकिन अब नया साल भारत के लिए काफी अच्छा साबित होता नजर आ रहा है। क्योंकि, नए साल के पहले महीने से ही कोवीशील्ड और कोवैक्सिन का टीकाकरण शुरू हो चुका है। जहां, पिछले महीने तक भारतवासियों को कोरोना की वैक्सीन का इंतज़ार था। वहीं, अब भारतवासियों को एक नहीं बल्कि दो-दो कोरोना वैक्सीन मिल गई हैं। इतना ही नहीं जून तक भारत को तीसरी वैक्सीन भी मिल सकती है। क्योंकि, जून में 'कोवावैक्स' (Covovax) को भी मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है।
तीसरी वैक्सीन को मिल सकती है मंजूरी :
भारत में अब एक नहीं बल्कि दो-दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है और देश में टीकाकरण अभियान भी जारी है। इसी बीच एक खुशखबरी सामने आई है जो कि, तीसरी कोरोना वैक्सीन से ही जुड़ी है। इस खबर के तहत अब जून तक 'कोवावैक्स' वैक्सीन को अप्रूवल मिल सकता है। हालांकि, इससे पहले खबर सामने आई थी कि, मार्च तक रूस की 'स्पूतनिक वी' वैक्सीन भी अप्रूवल लेने वाली है। जिसके ट्रायल जारी है। यदि 'स्पूतनिक वी' को अप्रूवल मिल जाता है तो, 'कोवावैक्स' भारत के लिए चौथी वैक्सीन होगी।
SII के CEO ने दी जानकारी :
बताते चलें, 'कोवावैक्स' वैक्सीन से जुड़ी जानकारी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अदार पूनावाला ने शनिवार को ट्वीट कर दी। उन्होंने जून तक दूसरी कोरोना वैक्सीन 'कोवावैक्स' को लॉन्च करने की घोषणा करते हुए ट्वीट किया कि, 'कोरोना वैक्सीन 'कोवावैक्स' के लिए नोवावैक्स साथ हमारी साझेदारी काफी अच्छी रही है। वैक्सीन ने बेहतरीन नतीजे दिखाए हैं। भारत में ट्रायल्स शुरू करने के लिए हमने आवेदन कर दिया है। उम्मीद है कि जून 2021 तक यह लॉन्च हो जाएगी!'
सीरम इंस्टीट्यूट ने की नोवावैक्स के साथ साझेदारी :
बताते चलें, सीरम इंस्टीट्यूट ने अगस्त में अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स के साथ साझेदारी की थी। जिससे कोरोना वैक्सीन का भारत में उत्पादन, ट्रायल और वितरण किया जा सके। कंपनी ने इस वैक्सीन का नाम NVX‑CoV2373 दिया है, जबकि भारत में इसे कोवावैक्स के नाम से तैयार किया गया है। दोनों कंपनियों के बीच हुई साझेदारी के तहत सीरम इंस्टीट्यूट भारत में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज का उत्पादन करेगी। इनमें से 100 करोड़ डोज भारत और कम आय वाले देशों के लिए होगी।
प्रोटीन आधारित वैक्सीन :
बाते चलें, यह एक प्रोटीन आधारित वैक्सीन है जिसे नोवावैक्स ने तैयार किया है। वर्तमान समय में इसका तीसरा ट्रायल जारी है। जो ब्रिटेन में चल रहा है। इस ट्रायल में 18 से 84 साल के कुल 15,000 वॉलेंटियरों को शामिल किया गया है। हालांकि, कंपनी ने गुरुवार को कहा था कि, ब्रिटेन में चले तीसरे चरण के ट्रायल में वैक्सीन 89.3 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है।
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