Corona Vaccine Price in India Kavita Singh Rathore -RE
व्यापार

इन संस्थाओं के सहयोग से मात्र 225 रूपये की मिलेगी कोरोना वैक्सीन

गेट्स फाउंडेशन और कई संस्थाओं के सहयोग से सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन भारत में मात्र 225 रुपये में मिलेगी।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत की बहुत बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी 'सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया' (SII) अभी ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी, एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स मिलकर वैक्सीन के कई ट्रॉयल कर रहे हैं। यदि SII द्वारा निर्मित यह 'कोविशील्ड' (Covishield) वैक्सीन के सभी ट्रॉयल आखिर तक सफल होते हैं तो, यह जल्द ही मार्केट में मिलना शुरू हो जाएगी। हालांकि, उससे पहले लाइसेंस और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अनुमति ली जाएगी। इस अनुमति के बाद यह मार्केट मात्र 225 रुपये की कीमत में उपलब्ध हो सकेगी।

अमेरिकी कंपनी से साझेदारी :

बताते चलें, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इस वैक्सीन के निर्माण के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से मदद ली थी। इस मदद के रूप में फाउंडेशन ने SII को 150 मिलियन डॉलर (लगभग 1,125 करोड़ रुपये) वैक्सीन के तेजी से उत्पादन करने के लिए दिए थे। साथ ही SII ने द वैक्सीन अलायंस (GAVI) और अमेरिका की एक वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी नोवावैक्स इंक (Novavax Inc) के साथ 30 जुलाई को साझेदारी भी की थी। इस साझेदारी के चलते ही यह वैक्सीन भारत सहित निम्न आय वाले देशों में मात्र 225 रुपये (अमेरिकी करेंसी में 3 डॉलर) में मिलेगी।

कई चरण में हुई पास :

बताते चलें, SII द्वारा निर्मित यह वैक्सीन ट्रायल के दौरान अलग-अलग कई चरणों में पास हो चुकी है। हालांकि, अभी अपने अंतिम चरण में पास होना बाकि है जिसका ट्रायल चल रहा है। अब सभी को इस वायरस से बचाव के लिए इस वैक्सीन के अंतिम चरण में सफल होने का इंतजार है। कई कंपनियों साथ की गई डील की मदद से SII की वैक्सीन बनाने की क्षमता और अधिक बढ़ेगी। बता दें, कंपनी भारत सहित कुछ निम्न और मध्यम आय वाले देशों में भी वैक्सीन के 10 करोड़ डोज तुरंत मुहैया करवाने को लेकर व्यवस्था कर रही है।

कंपनी को नहीं उठना पड़ेगा नुकसान :

बता दें, इस डील के तहत तय हुआ है कि, गेट्स फाउंडेशन GAVI को 15 करोड़ डॉलर (करीब 1,125 करोड़ रुपये) की रिस्क फंडिंग करेगा। यानि कि अगर यह वैक्सीन अंतिम चरण में सफल न हो सकी तो वैक्सीन का अब तक का खर्च GAVI उठाएगी और पूरे खर्च की भरपाई करेगी कंपनी को उसका नुकसान नहीं उठना पड़ेगा। दरअसल, GAVI गेट्स फाउंडेशन का ही हिस्सा है। जिसका मुख्य उद्देश्य सरकारी और निजी साझेदारी के तहत गरीब देशों में वैक्सीनेशन को समर्थन और सहयोग प्रदान करना है।

COVAX प्रणाली के तहत होगा वितरण :

भारत और अन्य कम आय वाले देशों में इस वैक्सीन का वितरण COVAX प्रणाली के तहत होगा। बताते चलें, GAVI, कॉएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रीपेयर्डनेस इनोवेश (CEPI) और WHO की यह संयुक्त प्रणाली है। इनके सहयोग और मदद से ही कम आय वाले देशों को वैक्सीन मुहैया कराई जाती है। बताते चलें, शुक्रवार को SII ने कोरोना वायरस की वैक्सीन के उत्पादन के लिए मिले फंड से जुड़ी अहम् जानकारी साझा की।

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