HDFC- HDFC Bank Merger : पिछले सालों में बहुत सी भारतीय कंपनियों और बैंकों ने अन्य कंपनियों और बैंकों के साथ कई अधिग्रहण और विलय किये हैं। कई बार किसी एक बैंक या कंपनी की आर्थिक हालात खराब होती है। जिसके कारण उसका विलय दूसरे बैंक में कर दिया जाता है। इस विलय से दोनों ही कंपनियों को काफी लाभ पहुँचता है। वहीं, अब हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) और प्राइवेट सेक्टर के बहुचर्चित HDFC बैंक का विलय होने जा रहा है।
HDFC और HDFC बैंक का विलय :
दरअसल, कई लोग सोचते हैं हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) और HDFC बैंक एक ही है, लेकिन बता दें, यह दोनों ही संस्था अलग-अलग हैं और इनके कार्य भी अलग-अलग है। हालांकि, अब इन दोनों के विलय के बाद यह एक कह सकते हैं। इस डील के तहत HDFC को HDFC बैंक में 41% की हिस्सेदारी मिलेगी। बता दें, HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के विलय होने के बाद HDFC लिमिटेड के हर 25 शेयर के बदले HDFC बैंक के 42 शेयर दिए जाएंगे। इसका सीधा मतलब यह है कि, यदि आपके पास HDFC लिमिटेड के 10 शेयर हैं तो अब इस मर्जर के बाद आपको 17 शेयर प्राप्त होंगे। इस मामले में HDFC ने आज सोमवार को जानकारी दी है। HDFC ने बताया कि,
'आज बोर्ड की मीटिंग में HDFC को HDFC बैंक में विलय की मंजूरी दे मिल गई है। इस विलय में कंपनी के शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स (कर्ज लेने वाले) भी शामिल होंगे। यह विलय अगले वित्त वर्ष की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है। प्रस्तावित डील का मकसद HDFC बैंक के हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो को बेहतर बनाना और इसका मौजूदा कस्टमर बेस बढ़ाना है। HDFC और HDFC बैंक का यह विलय वित्त वर्ष 2024 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा हो जाएगा।'HDFC
दोनों के शेयर में दर्ज हुई बढ़त :
बताते चलें, मर्जर की इस खबर के सामने आते ही HDFC और HDFC बैंक दोनों के ही शेयर्स में जोरदार बढ़त दर्ज हुई है। सुबह के 10 बजे BSE पर HDFC के शेयर 13.60% तक चढ़ गए है। वहीं, HDFC बैंक के शेयर में भी लगभग 10% की बढ़त देखी गयी। इसके बाद दोपहर 2 बजे दोनों कपंनी के शेयर्स में 8% की बढ़त दर्ज हुई। इस बढ़त के बाद देखा जाए तो वर्तमान समय में HDFC की संपत्ति 6.23 लाख करोड़ और HDFC बैंक की संपत्ति 19.38 लाख करोड़ पर पहुंच गई है। जबकि, 31 दिसंबर, 2021 तक HDFC की कुल संपत्ति 6.23 लाख करोड़ रुपए और कारोबार 35,681.74 रुपए का था। वहीं, HDFC बैंक की कुल संपत्ति 19.38 लाख करोड़ रुपए थी।
मर्जर का कारण :
बताते चलें, आज देश में सरकारी बैंकों और न्यू-एज फिनटेक कंपनियों द्वारा दी जा रही सुविधाओं के चलते प्रतिस्पर्धा बहुत तेजी से बढ़ गई है। जिसके कारण विलय की जरूरत को दोनों ही कंपनियों ने महसूस किया। आज HDFC और HDFC बैंक दोनों के पास अपने-अपने कई ग्राहक हैं और यदि यह दोनों कंपनियां मिलती हैं तो नई बनने वाली कंपनी की बैलेंस शीट काफी अच्छी साबित होगी। यह विलय HDFC लिमिटेड के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
वैश्विक बाजार का रहा कुछ ऐसा हाल :
HDFC बैंक 10% और एचडीएफसी की 9% की तेजी देखने को मिली है इसके अलावा 28 कंपनियों के शेयरों में हुई जबरदस्त लिवाली से बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1335.05 अंक यानी 2.25% की छलांग लगाकर ढाई महीने के उच्चतम स्तर 60 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 60611.74 अंक पर रहा। इससे पूर्व सेंसेक्स इस वर्ष 19 जनवरी को 60098.82 अंक पर रहा था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 382.95 अंक अर्थात 2.17 प्रतिशत की उछाल लेकर 18 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 18053.40 अंक पर रहा।
दोनों कंपनियों में अंतर :
HDFC एक हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है। जो घर और दुकान सहित अन्य प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन उपलब्ध कराती है। वहीं HDFC बैंक में बैंक से संबंधित सारे काम होते हैं जैसे सभी तरह के लोन, अकाउंट खुलवाना या FD करना आदि।
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