शीवाज रीगल शराब कंपनी पर लगा 20.1 अरब की टैक्स चोरी का आरोप  Social Media
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शीवाज रीगल शराब कंपनी पर लगा 20.1 अरब की टैक्स चोरी का आरोप

शीवाज रीगल शराब बेचने वाली फ्रांस की कंपनी पर्नोड रिकर्ड पर 20.1 अरब रुपये की कर चोरी का आरोप है। इस संबंध में भारतीय कर अधिकारियों ने कंपनी को नोटिस भेजा।

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत में देश-दुनियाभर की कंपनियां अपनी कमाई बढ़ाने के लिए टैक्स चोरी जैसे कारनामे करती हैं। कई बार यह कंपनियां पकड़ा जाती है वहीं, अब शीवाज रीगल (Chivas Regal Liquor) शराब बेचने वाली फ्रांस की कंपनी पर्नोड रिकर्ड पर टैक्स चोरी का आरोप लगा है।

टैक्स चोरी करने का लगा है आरोप :

आजकल बड़ी-बड़ी कंपनियों पर आरोप लगना बहुत आम सी बात हो गई है। पिछले कुछ समय में कई दिग्गज कंपनियों पर टैक्स चोरी का आरोप लगा था। वहीं, अब शीवाज रीगल (Chivas Regal Liquor) शराब बेचने वाली फ्रांस की कंपनी पर्नोड रिकर्ड पर 20.1 अरब रुपये की टैक्स चोरी का आरोप लगा है। इस मामले में भारत के टैक्स अधिकारियों ने शीवाज रीगल शराब बेचने वाली फ्रांस की दिग्गज कंपनी पर्नोड रिकर्ड को 20.1 अरब रुपये के टैक्स का भुगतान करने को कहा है। साथ ही मामले में भारतीय कर अधिकारियों द्वारा कंपनी को नोटिस भी जारी किया गया है। इस नोटिस में एक दशक से ज्यादा समय तक आयात हुई शराब का कम मूल्यांकन करने का दावा किया गया है।

क्या था नोटिस में :

भारतीय सीमा शुल्क प्राधिकरण द्वारा 27 जून को जारी किए गए नोटिस में कहा गया था कि, 'पर्नोड रिकर्ड इंडिया ने 2009-10 से 2020-21 के दौरान आयातित शराब का कम मूल्यांकन किया। इसकी वजह से उसे कम आयात शुल्क चुकाना पड़ा। इस तरह, कंपनी पर 2020 तक 24.4 करोड़ डॉलर के साथ अतिरिक्त ब्याज बकाया है।'

आयात की भरपाई :

बताते चलें, कम मूल्यांकन करने पर कम कीमत वाले आयात की भरपाई के लिए पर्नोड रिकर्ड ने फ्रांस में भारी मात्र में डिविडेंड (लाभांश) का भुगतान किया है। बता दें, सरकार शराब के आयात पर 150% टैक्स वसूलती है, जबकि डिविडेंड पर इससे कम लगता है। इस मामले में शीवाज रीगल और एब्सल्यूट वोदका (Vodka) बनाने वाली कंपनी का कहना है कि, 'विवादों ने देश में नए निवेश को बाधित किया है।'

प्राधिकरण का नोटिस :

प्राधिकरण द्वारा 17 पन्ने का नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस में कहा गया है कि, 'आयातित वस्तुओं के संबंध में घोषित मूल्य की सटीकता पर संदेह के पर्याप्त कारण हैं। ऐसा लगता है कि आयात मूल्य इस तरह से तय किया गया है कि होल्डिंग कंपनियों को होने वाले मुनाफे को अधिकतम किया जा सके। पर्नोड को बिल में 2021 से आयात किए जाने वाले विभिन्न माल्ट के इनवॉयस मूल्य में 67.49 फीसदी की वृद्धि करनी चाहिए।'

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