रिलायंस इंडस्ट्रीज एनविडिया के साथ मिलकर चिप निर्माण के क्षेत्र में उतरने का प्रयास कर रही है। यह डील अब तक अंतिम रूप नहीं ले सकी है
अमेरिका की चिप विनिर्माता ग्लोबल फाउंड्रीज के भारत में पूर्व कार्याधिकारी अरुण मामपाझी ने कहा रिलायंस से जैसे उद्यमियों के आने से प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा
राज एक्सप्रेस । एक अनुमान के अनुसार 2028 तक देश का चिप बाजार 23 अरब डॉलर से बढ़कर 80 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। अमेरिका की चिप विनिर्माता ग्लोबल फाउंड्रीज के भारत में पूर्व कार्याधिकारी अरुण मामपाझी ने कहा कि करीब 200 अरब डॉलर की बाजार पूंजीकरण (एमकैप) वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में उतरने की संभावना का स्वागत किया है। एनविडिया के साथ मिलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चिप निर्माण में उतरने की चर्चाओ के बीच उन्होंने कहा, कंपनी के पास पर्याप्त पूंजी है और वह सरकार के साथ मिलकर काम करना भी जानती है। रिलायंस ते चिप निर्माण में उतरने से भारतस को चिप निर्माण का केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा हालांकि चिप विनिर्माण एक ऐसा उद्योग है जो ऐतिहासिक रूप से तेजी और मंदी के चक्र से घिरा रहा है तथा इसके लिए बहुत अधिक विशेषज्ञता की जरूरत होती है। मामपाझी ने कहा रिलायंस के लिए संयुक्त उपक्रम या तकनीक हस्तांरण के जरिये तकनीकी साझेदार हासिल करना सबसे अहम होगा। केंद्र सरकार चिप विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 10 अरब डॉलर की प्रोत्साहन योजना लेकर आई है। उल्लेखनीय है कि सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए पिछले दिनों वेदांत और फॉक्सकॉन ने 19.5 अरब डॉलर का संयुक्त उपक्रम बनाने की घोषणा की थी लेकिन तकनीकी साझेदार मिलने में हो रही देरी के कारण जुलाई में यह गठजोड़ टूट गया था। इसके बाद फॉक्सकॉन ने अकेले दम पर भारत में निवेश करने का निर्णय लिया है।
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