Chinese Bank will not able to seize Anil Ambani property  Syed Dabeer Hussain - RE
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चीन के बैंक अनिल अंबानी की प्रॉपर्टी नहीं कर सकेंगे जब्त

पिछले कुछ समय से अनिल अंबानी की मुशिकलें लगातार बढ़ी हैं, लेकिन अब जो खबर आई है उससे अनिल अंबानी को कुछ राहत मिलती नजर आरही है। क्योंकि, अब चीन के बैंक अनिल अंबानी की प्रॉपर्टी जब्त नहीं कर सकेंगे।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। काफी समय से नुकसान का सामना कर रहे रिलायंस एंटरटेनमेंट ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Amban) की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थीं। पिछले कुछ समय से अनिल अंबानी का नाम एक-एक करके अलग-अलग मामलों से जुड़ता गया। जिसके चलते मुश्किलें लगातार बढ़ी ही हैं। हालांकि, अब जो खबर सामने आई है उससे अनिल अंबानी को कुछ राहत मिलती नजर आ रही है। क्योंकि, अब चीन के बैंक अनिल अंबानी की प्रॉपर्टी जब्त नहीं कर सकेंगे।

जब्त करने की कोशिश नाकाम :

दरअसल, हाल ही में अनिल अंबानी से जुड़ी यह खबर सामने आई थी कि, चीनी बैंकों द्वारा अनिल अंबानी की प्रॉपर्टी जब्त की जा सकती हैं। हालांकि, अब खबर यह हैं कि, इन बैंकों की प्रॉपर्टी जब्त करने की कोशिश नाकाम होती नजर आ रही है। क्योंकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में चीन के तीनों बैंकों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। बता दें, दिल्ली हाईकोर्ट का यह नोटिस उन बैंकों के लिए हैं जिससे उन्होंने उधार लिया था। कोर्ट के नोटिस के बाद अब उल्टा चीनी बैंकों की मुश्किल बढ़ती नजर आ रही हैं।

चीन के बैंकों ने की थी जीत हासिल :

खबरों के अनुसार, अनिल अंबानी ने चीन के तीन बैंकों से लोन लिया था। जिनका नाम आज तक सामने नहीं आया है। इन बैंकों ने अनिल अंबानी के खिलाफ इस मामले में लंदन कोर्ट में इसी साल 2020 के मई में जीत भी हासिल की थी। क्योंकि अनिल अंबानी पर इन बैंकों का 5,276 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम का भुगतान करने में असफल रहे हैं। हालांकि, उस समय अनिल अंबानी ने यह गुजारिश की थी। दूसरी तरफ भारत में बैंकों ने अलग से दिवालिया के लिए अंबानी को चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने उनसे राय मांगी है।

दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश :

अब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए हैं कि, 'अनिल अंबानी की किसी भी पर्सनल असेट्स की बिक्री कर रिकवरी किए जाने पर मोरेटोरियम है। SBI ने इस साल के शुरू में अनिल अंबानी के खिलाफ दिवालिया का मामला फाइल किया था और साथ ही मोरेटोरियम के लिए अपील की थी।' SBI का कहना था कि, 'अगर लंदन से कोई फैसला आता है तो भारतीय बैंकों को कुछ नहीं मिल पाएगा। इसलिए मोरेटोरियम जरूरी है।' उधर दिल्ली कोर्ट ने अनिल अंबानी के खिलाफ दायर किया गया दिवालिया का मामला अब भी जारी है।

चीनी बैंकों का बयान :

लंदन की कोर्ट में सुनवाई के दौरान इन चीनी बैंकों का कहना था कि, उन्होंने साल 2012 में पर्सनल गारंटी के आधार पर रिलायंस कम्युनिकेशन (RCom) को यह लोन दिया था। इस मामले को बैंक कोर्ट तक लेकर गए थे और वह जित भी हासिल की थी, लेकिन पैसे की रिकवरी नहीं हो पाई थी।

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