राज एक्सप्रेस। भारत पिछले कुछ समय से चीन के प्रति अपना सख्त रवैया लगातार दिखा रहा है। चाहे वो ऐप्स, रंगीन टीवी बैन करके दिखाया हो या भारत की टेलिकॉम कंपनियों निर्देश देकर और चीन से डिजिटल प्रिंटिंग प्लेट के आयात पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा कर। भारत के इन सब कदमों से चीन काफी बौखलाया हुआ है। इसी बौखलाहट के चलते ने भी भारत के खिलाफ फैसला लेना शुरू कर दिया है। इसी के तहत चीन ने ट्रेड वार की नियत से भारत में निर्मित ऑप्टिकल फाइबर उत्पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी को बढ़ाने का फैसला किया है।
चीन ने बढ़ाई एंटी डंपिंग ड्यूटी :
दरअसल, भारत के फैसलों पर बौखलाए चीन ने भारत में बनने वाले ऑप्टिकल फाइबर उत्पादों पर लगने वाली एंटी डंपिंग ड्यूटी को अगले पांच सालों के लिए 7.4 से 30.6% तक बढ़ा देने का ऐलान कर दिया है। इस मामले पर चीन के वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि, चीन की तरफ से भारत में बनने वाले एकल मोड ऑप्टिकल फाइबर उत्पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी को बढ़ा दिया गया है। यह बढ़ी हुई नई दरें 14 अगस्त से अगले पांच साल तक के लिए लागू रहेगा।
नुकसान के आकलन के बाद किया फैसला :
बताते चलें, चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एंटी डंपिंग ड्यूटी को बढ़ाने का यह फैसला चीन के उद्योगों को नुकसान के आंकलन के बाद किया है। इससे पहले चीनी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा भारत में बनने वाले ऑप्टिक फाइबर के उत्पादों के आयात पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का फैसला 13 अगस्त 2014 में लिया गया था। जिसकी अवधि साल 2019 के अगस्त माह में समाप्त हो गई थी।
भारत ने इन देशों पर लगाया शुल्क :
बताते चलें, हाल ही में भारत द्वारा चीन, मलेशिया और ताइवान से आयात होने वाले ब्लैक टोनर पाउडर पर छह महीने के लिए अस्थायी एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने का फैसला किया था। नए नियमों के अनुसार, इन देशों पर निम्नलिखित एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगेगी।
मलेशिया से ब्लैक टोनर के आयात पर 1,686 डॉलर प्रति टन
चीन से ब्लैक टोनर के आयात पर 834 डॉलर प्रति टन
ताइवान से ब्लैक टोनर के आयात पर 196 डॉलर प्रति टन
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