चीन : एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से परेशान है। वहीं, दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी को लेकर बड़े सवाल पैदा कर रही है। लगभग सभी देशों का हाल एक जैसा ही हो रहा है। इसी बीच चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार होने की खबर सामने आई है।
चीन की अर्थव्यवस्था :
दरअसल, चीन की अर्थव्यवस्था में आये इस सुधार का काऱण चीन में कोरोना के मामलों को देखते हुए लागू किया गया लॉकडाउन हटाना है। चीन में अब लॉकडाउन हटाते हुए सभी काराखानों और दुकानों को फिर से खोल दिया गया। लोग अपने काम पर लौट आये है। इन्हीं के चलते चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार देखने को मिला है। बाईट कुछ समय के बाद अब चीन की अर्थव्यवस्था में 3.2% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
चीन ने जारी किए आंकड़े :
बता दें, गुरुवार को चीन ने देश की अर्थव्यवस्था के आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के अनुसार चीन में आई आर्थिक सुधार और हुई वृद्धि का अनुमान लगाया जा सका। क्योंकि, चीन की अर्थव्यवस्था की गति में पिछली तिमाही के दौरान 6.8% की दर से कमी दर्ज की गई थी।
सबसे पहले रुकी चीन की अर्थव्यवस्था :
गौरतलब है कि, चीन से ही साल 2019 के दिसंबर माह से कोरोना वायरस (कोविड-19 ) जैसी जानलेवा महामारी की शुरुआत में हुई थी। इसलिए सबसे पहले और सबसे ज्यादा क्षति भी चीन की अर्थव्यवस्था की ही हुई थी क्योंकि सबसे पहले लॉकडाउन भी चीन में ही लगाया गया था और वहां की अर्थव्यवस्था भी ठप्प पड़ गई थी। उसके बाद चीन की अर्थव्यवस्था में मार्च 2020 में हल्की-फुल्की तेजी दर्ज की गई थी। वहीं अब सामने आये ताजा आंकड़ों के मुताबिक तो चीन की अर्थवयवस्था में काफी सुधार देखा गया है।
सुधार का एक कारण :
बता दें, चीन की अर्थव्यवस्था में आये सुधार का एक कारण विनिर्माण और कई उद्योगों में काम की दर सामान्य दिनों जैसी स्थिति में वापस आना भी माना जा रहा है। चीन में बेरोजगारी की आशंका के कारण उपभोक्ता खर्च कमजोर हुआ है। हालांकि, चीन में भी सिर्फ जरूरी ऑफिस ही खोले गए हैं बाकी सिनेमा घर और कुछ गैर जरूरी व्यवसाय फिलहाल नहीं खोले गए हैं। साथ सभी प्रकार की यात्राओं को भी प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा इस साल भारत द्वारा की गई कार्यवाहियों के चलते कई देशों से चीन को काफी घाटा भी उठाना पड़ा है।
बॉयकॉट चीनी प्रोडक्ट का असर :
भारत-चीन के बीच चल रहे विवाद के चलते दुनियाभर के कई शक्तिशाली देश एक जुट होकर चीन के खिलाफ खड़े हैं और सभी एक साथ मिल कर चीन की एप्स और प्रोडक्ट को बॉयकॉट कर रहे हैं। इससे भी चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बता दें, भारत और चीन के बीच होने वाले व्यापार ने 2020 में काफी गिरावट आई है। जिससे यह आंकड़ा 81.87 अरब डॉलर ही रह गया है। जो कि बीते साल 2019 में 87.08 अरब डॉलर था। वहीं, दोनों देशों के बीच व्यापार अंतर भी घटकर 48.66 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जो पहले 53.57 अरब डॉलर था।
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