Yes Bank CEO Rana Kapoor  Kavita Singh Rathore -RE
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यस बैंक को राणा कपूर की ना!

“प्रमोटर्स ने 13-14 नवंबर को बैंक के 2.04 करोड़ शेयर बेचे थे। अब उनके पास टोकन शेयर के तौर पर महज 900 शेयर्स रह गए हैं।“

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स :

  • प्राइवेट बैंक में गिरावट दर्ज

  • कभी कहा था कपूर ने नहीं बेचूंगा हीरे जैसे शेयर

  • RBI ने उठाए थे यस बैंक में नियामक दिशा निर्देशों पर सवाल

राज एक्सप्रेस। बैंकिंग सेक्टर में राणा कपूर और यस बैंक का नाम सुर्खियों में है। दरअसल अब कपूर ने अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचकर बैंक से खुद को पूरी तरह अलग-थलग कर लिया है। बैंक की जानकारी के अनुसार, राणा कपूर और उसकी सहायक यस कैपिटल और मॉर्गन क्रेडिट्स ने अपनी बाकी 0.8% हिस्सेदारी भी बेच दी है।

ये दी जानकारी :

प्राइवेट बैंक का शेयर मंगलवार 19 नवंबर को दो फीसदी से भी अधिक की गिरावट के साथ क्लोज़ हुआ। बीएसई को बैंक ने जो सूचना दी है में कहा- “प्रमोटर्स ने 13-14 नवंबर को बैंक के 2.04 करोड़ शेयर बेचे थे। अब उनके पास टोकन शेयर के तौर पर महज 900 शेयर्स रह गए हैं।“

घटता गया पार्ट :

राणा कपूर और उनके सहायक समूहों से जुड़ी कंपनियों ने यस बैंक से अपना हिस्सा कम करना शुरू कर दिया था। इन कंपनियों ने बैंक में अपने 2.16 फीसद हिस्से को 510 करोड़ रुपये में बेचा था। राणा कपूर, यस कैपिटल एवं मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट ने सितंबर में बैंक के 552 लाख शेयर्स भी बेचे। इससे पहले यस बैंक की प्रवर्तक संस्थाओँ ने भी अपनी 1.8 प्रतिशत सहभागिता को बेच दिया था।

RNAM ने बेचा हिस्सा :

रिलायंस निपॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट (RNAM) ने भी 3.92 प्रतिशत अधिकार के शेयर्स सितंबर में बेचे हैं। बैंक प्रवर्तक एवं पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर का 3.92 प्रतिशत हिस्सा था, जबकि यस कैपिटल की उसमें 0.8 प्रतिशत साझेदारी रही।

गैर-निष्पादित परिसंपत्ति कम बताई:

प्राइवेट सेक्टर बैंक की रेग्युलेटरी इन्फर्मेशन में स्वीकार किया गया है कि, पिछले वित्त वर्ष में भूल-चूकवश लगभग 2,299 करोड़ रुपए की नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) यानी गैर-निष्पादित परिसंपत्ति की कम जानकारी दी गई थी।

गौरतलब है कि, यस कैपिटल, मॉर्गन क्रेडिट और राणा कपूर ने सितंबर में 552 लाख शेयर्स बेचे थे। रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट ने भी 3.92 प्रतिशत हिस्से को बेचा। जबकि नवंबर में नामी निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने 86.89 करोड़ रुपये के 1.30 करोड़ शेयर खरीदकर लोगों को जरूर चौंकाया।

वो बयान चर्चा में-बीते साल राणा कपूर ने यस बैंक के शेयर्स की तुलना बेशकीमती हीरों से कर उसे अपनी वसीयत में बेटियों और उनके बच्चों को देने की मंशा जताई थी। अब बैंक के शेयर बेचने के बाद उनका बयान सोशल मीडिया में चर्चा में है।

आरके का यस बैंक कनेक्शन: आरके का यस बैंक कनेक्शन- साल 2003 में स्थापित यस बैंक की स्थापना में राणा कपूर ने प्रवर्तक की भूमिका निभाई। साल 2019 में उनको बैंक के सीईओ पद से हटाने पर बैंक के शेयरों की कीमत भी कम हुई। आंकड़ों के मुताबिक, राणा कपूर फिलहाल मात्र 900 शेयर्स के अधिकारी हैं, जिनकी कीमत 58 हजार रुपये आंकी गई। 2003 में स्थापित यस बैंक की स्थापना में राणा कपूर ने प्रवर्तक की भूमिका निभाई। साल 2019 में उनको बैंक के सीईओ पद से हटाने पर बैंक के शेयरों की कीमत भी कम हुई। आंकड़ों के मुताबिक राणा कपूर फिलहाल मात्र 900 शेयर्स के अधिकारी हैं जिनकी कीमत 58 हजार रुपये आंकी गई।

आरके का यस बैंक कनेक्शन:

साल 2003 में स्थापित यस बैंक की स्थापना में राणा कपूर ने प्रवर्तक की भूमिका निभाई। साल 2019 में उनको बैंक के सीईओ पद से हटाने पर बैंक के शेयरों की कीमत भी कम हुई। आंकड़ों के मुताबिक राणा कपूर फिलहाल मात्र 900 शेयर्स के अधिकारी हैं जिनकी कीमत 58 हजार रुपये आंकी गई।

आरके का यस बैंक कनेक्शन :

साल 2003 में स्थापित यस बैंक की स्थापना में राणा कपूर ने प्रवर्तक की भूमिका निभाई। साल 2019 में उनको बैंक के सीईओ पद से हटाने पर बैंक के शेयरों की कीमत भी कम हुई। आंकड़ों के मुताबिक राणा कपूर फिलहाल मात्र 900 शेयर्स के अधिकारी हैं, जिनकी कीमत 58 हजार रुपये आंकी गई।

कितना असर :

कहा जा रहा है राणा कपूर के कदम से बैंक को थोड़ा ही असर पड़ेगा। गौरतलब है कि, सितंबर तिमाही में विदेशी फंडों ने मिडकैप कंपनियों में निवेश बढ़ाया है। अबू धाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी, ईस्ट स्प्रिंग इंवेस्टमेंट्स, यूरो पेसेफिक ग्रोथ फंड, नोमुरा और नोर्जेस बैंक जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने मिडकैप्स में रुचि ली है।

इनकी रुचि :

इन सितारा नामों ने खास तौर पर HDFC लाइफ, अपोलो ट्राइकोट ट्यूब्स, यस बैंक, वेलस्पन एनर्जी, फोर्टिस हेल्थ केयर में रुचि दिखाई है और बड़ा निवेश किया है। कई विदेशी निवेशकों के रुझान से साफ है, यस बैंक के कामकाज पर उतना असर नहीं पड़ने वाला जितना सोचा जा रहा है।

RBI की फटकार :

इस साल अप्रैल में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भारत के प्राइवेट सेक्टर के नंबर वन नाम यस बैंक में कॉर्पोरेट गवर्नेंस और कार्यप्रणाली में गंभीर चूक का मुद्दा उठाया था। इसमें सीईओ राणा कपूर पर आपत्ति जताई गई थी।। इसमें बैंक के नियामकीय रूल्स का परिपालन न करने की बात सामने आई थी। ऐसे में आरबीआई ने बैंक के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था जिसमें कपूर को फिर से नियुक्त करने की अनुमति मांगी गई थी।

रिज़र्व बैंक द्वारा कोर्न फेरी को कपूर का उत्तराधिकारी को खोजने में समिति की मदद के लिए नियुक्त किया गया था। जबकि भारत के पूर्व बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) अध्यक्ष टी.एस. विजयन और भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व अध्यक्ष ओ.पी.भट्ट इस खोज के लिए चयन पैनल में दो बाहरी विशेषज्ञों के रूप में सेवा देने नियुक्त किए गए। फिलहाल नवागत सीईओ रवनीत गिल ने यस बैंक को नई ऊँचाई देने की मंशा जताई है।

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