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शहरी लोगों को घर खरीदने के लिए रियायती दर पर कर्ज देने पर 60 हजार करोड़ खर्च करेगी केंद्र सरकार

शहरों में लोगों को घर खरीदने के लिए रियायती दर पर लोन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की अगले पांच सालों में 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • इस साल के अंत में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव होंगे

  • राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले बैंकों द्वारा इस तरह की योजना शुरू करने की संभावना

  • ऐसी ही योजना 2017-2022 के बीच शुरू की गई थी, जिसके तहत एक करोड़ से अधिक घरों को दी गई थी मंजूरी

राज एक्सप्रेस। शहरों में लोगों को घर खरीदने के लिए रियायती दर पर लोन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की अगले पांच सालों में 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। देश में इस साल के अंत में 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बैंक इस तरह की योजना शुरू कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि यह पहली बार नहीं है, जब केंद्र सरकार ने शहरी क्षेत्रों में कम आय वाले कर्जदाताओं को ब्याज में सब्सिडी देने की पेशकश करने जा रही है।

3-6.5 % ब्याज पर दिया जाएगा नौ लाख रुपए का लोन

इसी तरह की एक योजना 2017-2022 के बीच शुरू की गई थी, जिसके तहत एक करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी प्रदान की गई थी। दरअसल, इस तरह की योजना शुरू करने का ऐलान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से किया था, लेकिन तब इसका विवरण नहीं दिया गया था। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक घर बनाने के लिए नौ लाख रुपये तक का लोन 3-6.5 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार वे सभी लोग इस योजना के पात्र होंगे जो 50 लाख रुपये से कम का होम लोन 20 साल के लिए लेंगे। सरकार ब्याज में दी जाने वाली छूट को लाभार्थियों के आवास ऋण खाते में पहले ही जमा करा दी जाएगी।

योजना धरातल पर उतरी तो शहरी क्षेत्र के लोगों को होगा लाभ

अगर यह योजना धरातल पर उतरती है, तो इससे शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 25 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा। एक अन्य अधिकारी ने पुष्टि की कि आने वाले समय में केंद्र सरकार एक नई योजना लेकर आ रही है, जिससे उन परिवारों को लाभ होगा जो शहरों की झुग्गी-झोपडि़यों, चाल और अनधिकृत कालोनियों में रहने को मजबूर हैं। सरकार की मदद से वे भी अपने लिए घर ले सकेंगे। बैंकों को फिलहाल किसी तरह की अतिरिक्त मदद नहीं दी गई है, लेकिन जल्द ही इस संबंध में एक बैठक होने की संभावना है। हालांकि, सरकार की इस योजना के अनुसार बैंकों ने लाभार्थियों की पहचान करना शुरू कर दिया है।

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