Will tighten the noose on the dark web Raj Express
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एयरलाइंस के डार्क पैटर्न पर केंद्र सरकार ने कसा शिकंजा, मंत्रालय ने बुलाई ट्रैवल पोर्टल्स की बैठक

सरकार एयरलाइंस के डार्क पैटर्न पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सीट के लिए अतिरिक्त चार्ज लेना, ग्राहकों को जबरिया बीमा देना डार्क पैटर्न के कुछ उदाहरण है।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट

  • ग्राहक को अपनी सेवाएं जबर्दस्ती लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकते ट्रैवल पोर्टल

  • सरकार के मुताबिक यह अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस, ऐसा करने वालों पर होगी कार्रवाई

  • ट्रैवल पोर्टल के साथ बैठक के बाद उपभोक्ता मंत्रालय जारी कर सकता है गाइडलाइन

राज एक्सप्रेस। सरकार एयरलाइंस के डार्क पैटर्न पर शिकंजा कस दिया है। सीट के लिए अतिरिक्त चार्ज लेना, ग्राहकों को जबरिया इंश्योरेंस बेचना कंपनियों के डार्क पैटर्न के कुछ उदाहरण है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने आज ट्रैवल पोर्टल्स की बैठक बुलाई। ग्राहकों के हितों का ध्यान रखते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस पर विशेष ध्यान देते हुए बैठक बुलाई है। बैठक में मेक माई ट्रिप, ईजमाय ट्रिप और यात्राडॉट कॉम के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और मंत्रालय के साथ चर्चा करेंगे।

क्या होता है एयरलाइन्स का डार्क पैटर्न

एयरलाइंस के डार्क पैटर्न पर अंकुश लगाने के लिए सरकार सक्रिय हो गई है। वजह यह है कि ग्राहकों से एयरलाइन सीट के लिए अलग से चार्ज करती हैं। साथ ही ग्राहक को जबरदस्ती इंश्योरेंस लेने के लिए मजबूर करती हैं। जब आप टिकट बुक करते हैं तो आपको फ्री चेक-इन बताया जाता है, लेकिन जब आप आगे बढ़ते हैं तो हर सीट के लिए कंपनियां अलग से चार्ज करती हैं। इसमें फ्री सीट ग्राहकों को दिखाई ही नहीं जाती। इसे एयरलाइन्स का डार्क पैटर्न कहा जाता है।

टिकट के लिए अलग से वसूली जाती है कीमत

कंपनियां टिकट के बाद सीट के लिए अलग से कीमत वसूलती हैं। इसलिए कंज्यूमर अफेयर मंत्रालय ने ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए ट्रैवल पोर्टल के साथ बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक में मेक माइ ट्रिप, ईज माई ट्रिप, यात्रा.काम के अधिकारी हिस्सा लेंगे। ट्रैवल पोर्टल से चर्चा के बाद उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय विभिन्न विमानन कंपनियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी।

एक साल में एक हजार से अधिक शिकायतें

विमान में फ्री चेक इन के नाम पर सीट बुक करते समय पोर्टल ग्राहक को इंश्योरेंस लेने के लिए मजबूर करते हैं। जबकि, नियमानुसार ट्रैवल पोर्टल ग्राहक को ऐसी सेवाओं के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को इस बारे में एक साल में विभिन्न विमानन कंपनियों के खिलाफ 10000 शिकायतें मिली हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा शिकायतें, पैसा रिफंड नहीं करने को लेकर मिली हैं। उम्मीद है दोनों पक्षों के साथ बैठक के बाद मंत्रालय इस बारे में दिशा निर्देश जारी करेगा।

ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी होगी सख्ती

डार्क पैटर्न अपनाने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी सख्ती की जाएगी। डार्क पैटर्न का मतलब है अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस यानी इंटरनेट पर डिजिटल‌ माध्यमों का इस्तेमाल करके गलत तरीकों से ग्राहकों को प्रभावित करना और ऐसा करने वाले ई-कॉमर्स कंपनियों पर शिकंजा कसा जाएगा। बीती 28 जून को सरकार ने इस मामले में एक ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की थी, जिसको तैयार करने के लिए सभी ई-कॉमर्स कंपनियों और स्टेकहोल्डर के साथ बैठक की गई थी।

लगाया जा सकता है 10 लाख तक का जुर्माना

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने चेतावनी दी थी कि उपभोक्ताओँ की पसंद को मैनिपुलेट करने की कोशिश करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। निममों पालन नहीं करने वाली कंपनियों पर जुर्माना होगा. सरकार कंपनियों पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकती है। सूत्रोें के अनुसार उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने अब ऐसी ई-कामर्स कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई का खाका तैयार कर लिया है।

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