केंद्र सरकार ने किया प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने का इंतजाम Social Media
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केंद्र सरकार ने किया प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने का इंतजाम

इस साल प्याज की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार ने पहले से ही इंतज़ाम करने की योजना बना ली है, जिससे प्याज की कीमतें फिर से आसमान न छू सके। इस मामले में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने जानकारी दी है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। पिछले साल के दौरान प्याज की कीमतों ने बहुत आफत मचाई थी, लेकिन इस साल प्याज की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार ने पहले से ही इंतज़ाम करने की योजना बना ली है, जिससे प्याज की कीमतें फिर से आसमान न छू सके। इस मामले में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने जानकारी दी है।

मंत्रालय ने दी जानकारी :

दरअसल, पिछले सालों के दौरान प्याज की बढ़ती कीमतें लोगों के लिए बड़ी मुश्किल का कारण बनी थीं, जिसको मद्देनजर रखते हुए सरकार ने अब खुदरा प्याज की कीमतों की तेजी पर लगाम लगाने के लिए अहम् फैसला किया है। इस फैसले के तहत केंद्र सरकार ने ऐसे राज्यों के लिये प्याज का बफर स्टॉक सुनियोजित और लक्षित तरीके से उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है, जिन राज्यों में कीमत पिछले महीनों की तुलना में बढ़ रही हैं। इस बारे में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि,

"बाजारों में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र में प्याज की लासलगांव और पिंपलगांव थोक मंडियों में भी बफर स्टॉक जारी किया जा रहा है। राज्यों को भंडारण से अलग स्थानों पर 21 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की पेशकश की गई है। मदर डेयरी के सफल बिक्री केन्द्रों को भी परिवहन लागत सहित 26 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से इस सब्जी की आपूर्ति की गई है। बफर स्टॉक के तेजी से बाजार में आने से प्याज की कीमतों में स्थिरता देखी जा रही है। देर से पैदावार वाली खरीफ (गर्मी) प्याज की आवक स्थिर है और मार्च, 2022 से रबी (सर्दियों) फसल के आने तक स्थिर रहने की उम्मीद है।’’
उपभोक्ता मंत्रालय

बढ़ रहीं प्याज की कीमतें :

मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, बीते कुछ सप्ताह के दौरान खुदरा प्याज के दाम धीरे-धीरे बढ़ ही रहे हैं। जबकि, इस दौरान ही

  • दिल्ली और चेन्नई में प्याज की कीमत 37 रुपये किलो थी

  • मुंबई में प्याज की कीमत 39 रुपये किलो थी

  • कोलकाता में प्याज की कीमत 43 रुपये किलो थी।

मंत्रालय के अनुसार :

मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) के माध्यम से प्रभावी बाजार हस्तक्षेप के कारण वर्ष 2021-22 के दौरान प्याज की कीमतें काफी हद तक स्थिर रहीं।

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