राज एक्सप्रेस। देश में कोरोना की एंट्री के बाद से सबसे ज्यादा अगर कोई चीज बढ़ी है तो वो महंगाई है। आज भारत के हर क्षेत्र में महंगाई बढ़ती ही जा रही है। यही बढ़ती महंगाई जब हाल ही में कृषि क्षेत्र में भी देखने को मिली थी तब गेहूं की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही थी। इन बढ़ती कीमतों के चलते ही केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसा बड़ा फैसला लिया था। इस फैसले के बाद दुनियाभर में कोहराम सा मच गया था। वहीँ , केंद्र सरकार ने एक बार फिर ठीक इसी तरह का फैसला लेते हुए चीनी के निर्यात पर बैन लगा दिया है।
चीनी के निर्यात पर लगा बैन :
दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का असर अन्य देशों पर भी बढ़ता जा रहा है। इन देशों में भारत का नाम बड़े स्तर पर शामिल है। इन सब के चलते देश में महंगाई तो बढ़ ही रही है महंगाई के कारण सरकार कठोर फैसले लेने पर मजबूर हो रही है केंद्र सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए चीनी के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। चीनी को प्रतिबंधित श्रेणी में बढ़ रही उसकी कीमतों के कारण रख दिया गया है। इस मामले में केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि, चीनी के निर्यात पर अगले साल यानी अक्टूबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है। बता दें, सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी की बढ़ती कीमत को मद्देनजर रखते हुए निर्यात पर यह बैन मई 2022 में 1 जून 2022 से 31 अक्टूबर 2022 तक के लिए लगाया था। हालांकि, मांग को देखते हुए बैन की इस अवधि को बढ़ा दिया गया है।
दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक :
बताते चलें, दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश भारत ही है। भारत से चीनी खरीदने वाले देशों में बड़े स्तर पर बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और दुबई जैसे देशों का नाम शामिल है। यह भारत से चीनी खरीदने वाले सबसे बड़े खरीदारों में शामिल हैं। बता दें, साल 2021 में भारत से भारी मात्रा में चीनी का निर्यात हुआ था। जबकि, पिछले साल 60 LMT (लाख मीट्रिक टन) तक ही चीनी निर्यात करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि, यह बढ़कर 70 LMT (लाख मीट्रिक टन) पर पहुंच गया था। यानी भारत से कुल 70 LMT चीनी का एक्सपोर्ट किया गया था। वहीँ, इस साल 82 LMT चीनी शुगर मिल से एक्सपोर्ट की गई। इस साल में अब तक हुआ चीनी का निर्यात अब तक का सबसे ज्यादा निर्यात माना जा रहा है।
भारत के पास सरप्लस :
चीनी एक्सपोर्ट को सीमित करने का सरकार का फैसला ऐहतियात रखने वाला माना जा रहा है।इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन की मानें तो, 'भारत में इस सीजन में 35 मिलियन टन उत्पादन और 27 मिलियन टन की खपत होने की उम्मीद है। पिछले सीजन के लगभग 8.2 मिलियन टन के भंडार सहित 16 मिलियन का सरप्लस है।'
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