Central Bank of India की 13% ब्रांच हुई बंद Social Media
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Central Bank of India की 13% ब्रांच हुई बंद

यदि आपका अकाउंट सरकारी सेक्टर के Central Bank of India में है तो यह खबर आपको निराश कर सकती है। क्योंकि, कुछ ऐसी खबर सामने आई है कि, बैंक की 13% शाखाएं (ब्रांच) बंद होने वाली है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। यदि आपका अकाउंट सरकारी सेक्टर के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) में है तो यह खबर आपको निराश कर सकती है। क्योंकि, कुछ ऐसी खबर सामने आई है कि, बैंक की 13% शाखाएं (ब्रांच) बंद होने वाली है। कई बार किसी बैंक को बड़ी मात्रा में नुकसान हो जाने या किसी अन्य कारण के चलते बैंक की कुछ या जयदा ब्रांच बंद करने का फैसला लेना पड़ता है। ऐसा ही कुछ Central Bank of India के साथ भी हुआ है। बैंक ने अपनी ब्रांच बंद करने की जानकारी दी है।

Central Bank of India की ब्रांच हुई बंद :

दरअसल, सरकारी बैंक Central Bank of India ने जानकारी देते हुए बताया है कि, बैंक की 13% ब्रांच यानी लगभग 600 ब्रांच बंद करने जा रही है। बैंक ने यह जानकारी भी दी है कि, बैंक ने यह फैसला वित्तीय हालत को ध्यान में रखते हुए लेना पड़ रहा है। क्योंकि, पिछले कई साल से बैंक की ार्तिक हालत काफी खस्ता चल रही है और बैंक लगातार नुकसान का सामना करना पद रहा है। ऐसे में यदि बैंक ये ब्रांच बंद नहीं करता तो, उसे और ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ता। बैंक को पटरी पर लाने के लिए इन ब्रांच को बंद करन जरीरी हो गया था।

RBI ने पीसीए फ्रेमवर्क :

बताते चलें, Central Bank of India बैंक को जून 2017 में RBI ने पीसीए फ्रेमवर्क (PCA Framework) में रख दिया था। इस मामले में सामने आई रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में की मानें तो, बैंक की मार्च 2023 के अंत तक नुकसान में चल रही 600 ब्रांचों को बंद करने या मर्ज करने पर विचार किया जा रहा है। बैंक के एक कर्मचारी ने बताया है कि, 'बैंक की स्थिति सुधारने के लिए इसके अलावा कोई चारा नहीं रह गया है। बैंक की शाखाओं को बंद करने के बाद रियल एस्टेट जैसे नॉन-कोर एसेट्स की बिक्री की जाएगी। 100 से भी पुराने इस बैंक की देशभर में 4,594 शाखाएं हैं।'

क्यों बंद करनी पड़ रही हैं ब्रांच :

Central Bank of India बैंकों की वित्तीय स्थिति RBI द्वारा तय की गई शर्तों के आधार से बाहर निकल गई थी। बैंक की हालात को देखते हुए पहले बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई थी। हालांकि, उस समय सेंट्रल बैंक को छोड़कर बाकी सभी बैंकों के कामकाज में सुधार आ गया था और वह पीसीए फ्रेमवर्क की लिस्ट से निकल गए हैं, लेकिन Central Bank of India की हालात में सुधर नहीं आया था।

गौरतलब है कि, इस मामले में बैंक मुख्यालय ने सभी ब्रांच और डिपार्टमेंट्स को 4 मई डॉक्यूमेंट भेज दिए है। जिसमें कंहा गया है कि, 'बैंक 2017 से ही पीसीए से बाहर निकलने और मैनपावर के एफिशियंट और इफेक्टिव इस्तेमाल के लिए संघर्ष कर रहा है। इसमें ब्रांच बंद करने के औचित्य को डिटेल से बताया गया है।'

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