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खाद्य वस्तुओं की महंगाई को लेकर सतर्क हुआ केंद्र, गेहूं, प्याज व चीनी के निर्यात पर जारी रहेगा प्रतिबंध

खुदरा महंगाई के आंकड़े सामने आने के बाद सरकार खाद्य पदार्थों की महंगाई को लेकर सतर्क हो गई है। सरकार ने इसे नीचे लाने के उपाय करने शुरू कर दिए हैं।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • लाल सागर संकट की वजह से प्रभावित हुआ बासमती चावल निर्यात

  • खुदरा महंगाई दर में वृद्धि की वजह खाद्य वस्तुओं की महंगाई रही है।

  • देश में जरूरत भर की चीनी मौजूद, फिलहाल आयात की जरूरत नहीं

राज एक्सप्रेस । खुदरा महंगाई के आंकड़े सामने आने के बाद सरकार खाद्य पदार्थों की महंगाई को लेकर सतर्क हो गई है। केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि फिलहाल गेहूं, प्याज, चीनी और सामान्य चावल जैसे खाद्य आइटम के निर्यात पर लगी पाबंदी जारी रहेगी। केंद्र सरकार का मानना है कि इन वस्तुओं के निर्यात पर पाबंदी हटते ही इनकी खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। हाल ही में खुदरा महंगाई के आंकड़े सामने आए हैं। खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी की मुख्य वजह खाद्य वस्तुओं की महंगाई रही है। इन आंकड़ों को देखकर सरकार सतर्क हो गई है।

जरूरत भर चीनी देश में उपलब्ध, आयात की जरूरत नहीं

केंद्र सरकार में उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि गेहूं, प्याज, चीनी और सामान्य चावल जैसे खाद्य पदार्थों के निर्यात पर लगी पाबंदी फिलहाल कुछ समय तक जारी रहेगी। इन वस्तुओं के निर्यात पर पाबंदी हटते ही इनकी खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि जरूरत भर की चीनी देश में उपलब्ध है। घरेलू जरूरतें पूरी करने के लिए चीनी के आयात की कोई जरूरत नहीं है। पीयूष गोयल ने कहा खाद्य पदार्थों की उपलब्धता पर हमारी नजर है। सरकार हर तरह से किसानों के हित साधने का प्रयास कर रही है। यही वजह है सरकारी स्तर पर प्याज की भरपूर खरीदारी की जा रही है। अहमदनगर, नासिक, होशंगाबाद, सोलापुर व पुणे जैसी जगहों से 19-23 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की खरीदारी की जा रही है।

4 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई दर

बता दें कि प्याज के लगातार बढ़ते मूल्यों की वजह से कुछ माह पहले प्याज के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसी क्रम में चीनी के कम उत्पादन की उम्मीद के तहत चीनी निर्यात को भी प्रतिबंधित कर दिया गया था। गेहूं के निर्यात पर पिछले एक साल से भी अधिक समय से प्रतिबंध लागू है। हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के दिसंबर माह की खुदरा महंगाई दर 5.69 प्रतिशत के साथ 4 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर गत दिसंबर माह में 9.53 प्रतिशत हो गई है, जबकि एक साल पहले 2022 की इसी अवधि में खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर 4.19 प्रतिशत थी। गोयल ने बताया कि चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा, लेकिन चीनी के आयात का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

इस साल गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन होने की संभावना

उन्होंने कहा कि सामान्य चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद घरेलू स्तर पर चावल के दाम में बढ़ोतरी के मामले की समीक्षा की जाएगी। बासमती चावल के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लाल सागर में व्यवधान से बासमती चावल का निर्यात भी प्रभावित हुआ है। फिर भी घरेलू स्तर पर चावल के दाम में कमी नहीं हो रही है। उन्होंने बताया इस साल गेहूं का रिकार्ड उत्पादन होने की संभावना है। अगर गेहूं का स्टॉक जरूरत से अधिक होता है, तो गेहूं निर्यात पर लगी पाबंदी को खोलने पर विचार किया जा सकता है। पीयूष गोयल ने बताया खाद्य वस्तुओं पर प्रतिबंध के बावजूद पड़ोसी और विकासशील देशों की गुजारिश पर भारत उन्हें गेहूं व अन्य अनाज की लगातार सप्लाई कर रहा है। इनमें इंडोनेशिया, भूटान, अफगानिस्तान जैसे कई देश शामिल हैं।

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