New Rule of Income Tax : देश के वह सभी लोग जिनकी इनकम सरकार द्वारा तय की गई लिमिट से ज्यादा हो, उन्हें सरकार को टैक्स देना पड़ता है और उन्हें टैक्सपेयर्स या करदाता कहते है। इन सभी के लिए समय-समय पर नए नियम लागू किये जाते है, जो केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा निर्धारित किये जाते है। वहीं, अब CBDT ने टैक्सपेयर्स या एक बड़े अमाउंट में लेनदेन करने वाले लोगों के लिए नए नियम निर्धारित किए है। जो कि, आने वाले कल से लागू कर दिए जाएंगे। यदि आप भी इस श्रेणी में आते है तो यह खबर आपके काम की साबित हो सकती है। इस मामले में CBDT ने एक नोटिफिकेशन जारी कर जानकारी दी है।
CBDT ने बदले नियम :
दरअसल, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस नोटिफिकेशन के जरिए टैक्सपेयर्स या करदाताओं के लिए नियमों में किए गए बदलाव की जानकारी दी है। इस जानकारी में कहा गया है कि, गुरुवार यानी 26 मई 2022 से लेन-देन से जुड़े आयकर नियमों में बदलाव कर दिया जाएगा। CBDT द्वारा लागू किए गए नए नियमों के अनुसार, कल से एक साल में 20 लाख रुपये से ज्यादा के बैंकिंग ट्रांजेक्शन करने पर बैंक ग्राहक के पैन और आधार से जुड़ी जानकारी बैंक को देना अनिवार्य होगा। हालांकि, इस मामले में CBDT ने मई की शुरुआत में भी नोटिफिकेशन के जारी कर जानकारी दी थी।
जानकारों का मानना :
आयकर मामलों की जानकारी रखने वाले जानकारों का मानना है कि, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा नियमों में किए जा रहे इस बदलाव से टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी। जानकारों का का कहना है कि, 'लेनदेन को लेकर यह नियम काफी पारदर्शिता बढ़ाएगा। अब बैंकों, पोस्ट ऑफिस या को-ऑपरेटिव सोसाइटी को 20 लाख से ज्यादा के लेनदेन की जानकारी देनी होगी। साथ ही अब किसी बैंक या डाकघर में चालू खाता अथवा कैश क्रेडिट खाता खोलने के लिए भी ग्राहक को अपने पैन और आधार की जानकारी देनी होगी।
वर्तमान समय का नियम :
बताते चलें, वर्तमान समय में आयकर विभाग से जुड़े सभी कार्यों के लिए पैन नंबर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही टैक्स पेयर्स के लिए टैक्स पोर्टल पर अपना पैन कार्ड समय समय पर अपडेट करना भी अनिवार्य है। बता दें, वैसे तो यह नियम कल से लागू कर दिए जाएंगे, लेकिन इसके बाद भी बैंक ग्राहकों को कुछ छूट दी गई है। इस छूट के तहत यदि कोई ग्राहक 20 लाख से ऊपर के बैंकिंग ट्रांजेक्शन में अपने पैन की जानकारी नहीं देता है तो वह आधार दिखाकर ट्रांजेक्शन पूरा कर सकेगा।
CBDT का कहना :
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा है कि, 'यह कदम सिर्फ टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया जा रहा है। अगर बैंक में ट्रांजेक्शन के समय किसी व्यक्ति के पास पैन कार्ड नहीं है तो वह आधार की बायोमीट्रिक पहचान दे सकता है।'
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