राज एक्सप्रेस। हाल ही में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार करने के लिए कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने भी एक अभियान शुरू कर हर दिन इस्तेमाल होने वाली आयातित वस्तुओं की एक लिस्ट तैयार की थी। वहीं, अब सरकार ने चीन और भारत की सीमा पर बढ़ रहे विवादों को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार ने भारत में 59 चीनी ऐप को बैन कर दिया है। इस फैसले के ऐलान के बाद ही टिक टॉक को गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से हटा दिया गया है। इसके बाद अब इन ऐप्स की जांच होने की खबर सामने आई है। इस जांच के अलावा CAIT ने चीनी निवेश से शुरू हुई स्टार्टअप कंपनियों की जांच की मांग की है।
निवेशक कंपनियों की भी हो जांच :
दरअसल, कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा गया है। जिसमें देश की सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी की जांच से जुड़ी मांगो का जिक्र किया गया है। साथ ही CAIT ने ऐसी चीनी निवेशक कंपनियों की जांच की भी मांग की है। यानि CAIT ऐसी कंपनियों की जांच की मांग कर रहा है जो, चीन द्वारा निवेश करके शुरू की गई हो। बताते चलें, इस तरह की ऐप या कंपनी जिनकी शुरुआत चीनी निवेश के द्वारा हुई है। ऐसी ऐप्स में बड़े स्तर पर इस्तेमाल की जाने वाली ऐप फ्लिपकार्ट, मेक माय ट्रिप, जोमेटो, स्विगी और अन्य कई ऐप्स हैं।
भारत स्थित कारखानों की जांच :
वहीं अब सरकारी एजेंसियों द्वारा इन ऐप्स की भी जांच करने की भी मांग की गई है। इसके अलावा CAIT द्वारा लिखे गए पत्र में भारत में स्थित चीनी कंपनियों का औद्योगिक कारखानों की जांच करने की भी मांग की गई है। इतना ही नहीं CAIT द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को सही बताते हुए 59 चीनी ऐप को भारत में बैन करने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया है और कहा है कि, देश की सुरक्षा और भारतीयों की गोपनीयता बनाये रखने के लिए यह फैसला लेना बहुत जरूरी था।
पत्र में है कई ऐप्स का जिक्र :
कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा वित्तर मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भी पत्र लिख कर सूचित कर मांग की है। बता दें, इस पत्र में पेटीएम मॉल, पेटीएम, ओला, ओयो, जोमैटो, पॉलिसी बाजार, बिग बास्केट, दिल्लीवरी, ड्रीम 11, हाइक, स्नैपडील, लैंसकार्ट, बायजो क्लास जैसी कंपनियों का जिक्र किया गया है। दरअसल, इन कंपनियों की शुरुआत में चीनी कंपनियों ने निवेश किया था। इसलिए ही इन कंपनियों की भी जांच कर सुनिश्चित किया जाए कि, यह कंपनियां कही निवेश के नाम पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी तो नहीं कर रही हैं।
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