ByteDance will set up Headquarters in other countries Kavita Singh Rathore -RE
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अन्य देशों में हेडक्वॉर्टर स्थापित करने की तैयारी में ByteDance

भारत में Tiktok बैन होने के बाद चीन की कंपनियों का रुख कुछ बदला हुआ सा नजर आ रहा है। दरअसल, Tiktok की पैरंट कंपनी ByteDance कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर को बदलने का मन बना रही है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत में Tiktok बैन होने के बाद चीन की कंपनियों का रुख कुछ बदला हुआ सा नजर आ रहा है। चीन की कंपनियां चीन से ही बहार जाने का मन बना रही है। दरअसल, भारत के बाद अमेरिका में भी कभी भी Tiktok बैन हो सकता है। इस बात का ध्यान में रखते हुए Tiktok की पैरंट कंपनी ByteDance कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर को बदलने का मन बना रही है। यह जानकारी वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट से सामने आई है।

अन्य देशों में स्थापित करने पर विचार :

दरअसल, वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार , Tiktok की पैरंट कंपनी ByteDance अपनी ऐप Tiktok के लिए अलग से नया मैनेजमेंट बोर्ड निर्मित करने और इसके हेडक्वॉर्टर को चीन से बाहर अन्य देशों में स्थापित करने पर विचार कर रही है। बता दें, कंपनी विचार इसलिए करना पड़ रहा है। क्योंकि, भारत ने 59 चाइनीज ऐप पर बैन करने का यूजर्स की प्राइवेसी बताया था। इसका सीधा कि, भारत को शक था कि इन ऐप के जरिए डेटा शेयर या लीक किया जाता है।

ByteDance के मैनेजमेंट का कहना :

ByteDance मैनेजमेंट का कहना है कि, हमारे द्वारा किसी भी ऐप्स के यूजर्स के डाटा के साथ कोई छेड़खानी नहीं की जाती हैं। साथ ही हम यूजर्स के डेटा की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखते है। हमारी सबसे पहली प्राथमिकता यूजर्स के डाटा की प्राइवेसी ऐंड सिक्यॉरिटी है।

ByteDance को करोड़ों का नुकसान :

यदि एक तरह से देखा जाए तो, भारत में TikTok लॉन्च होने के बाद से बैन होने तक ByteDance ने भारत में 2000 से ज्यादा लोगों को रोजगार दिलाया, लेकिन अब उसे करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। जी हां, एक रिपोर्ट के अनुसार, TikTok के बैन के चलते ByteDance को करोड़ों का नुकसान हुआ है। वहीं, आगे भी ऐसी दूसरे देशों से इस तरह का कदम न उठाया जाये, इसलिए कंपनी ने उचित समय पर अपने हेडक्वॉर्टर चीन के अलावा एंड देशों में स्थापित करने का विकल्प तलाश कर इस नीति पर काम कर रही है।

TikTok की सफाई :

इस मामले में बैन हुई 59 ऐप्स में से TikTok ने इन सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए बताया गया कि, इन सभी यूजर्स का डेटा स्टोरेज सिंगापुर में होता है। इसके अलावा चाइनीज गवर्नमेंट ने कभी भी डेटा शेयरिंग की मांग नहीं की और कंपनी कभी ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी। बता दें, भारत में TikTok के लगभग 20 करोड़ यूजर्स हैं। भारत में इसके लॉन्च के बाद से बैन होने तक TikTok को 66 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका था।

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