Berkshire Hathaway sold entire stake in Paytm Raj Express
व्यापार

बफेट की बर्कशायर हैथवे ने 600 करोड़ हानि के साथ 1370 करोड़ में बेचा पेटीएम में अपना हिस्सा

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की तरफ से जारी बल्क डील डेटा से यह जानकारी मिली है।

  • इस हिस्सेदारी को घिसल्लो मास्टर फंड वकॉप्टहॉल मॉरीशस इनवेस्टमेंट ने खरीदा है।

  • सॉफ्टबैंक भी छोटी-छोटी किस्तों में पहले से कर रही पेटीएम शेयरों की लगातार बिक्री

राज एक्सप्रेस। दुनिया के प्रख्यात निवेशक वॉरेन बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे ने भारतीय फिनटेक पेटीएम में अपनी पूरी हिस्सेदारी को लगभग 1,370 करोड़ रुपये में बेच दिया है। कंपनी ने यह बिक्री 600 करोड़ रुपये के घाटे में की है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों से पता चलता है कि बर्कशायर हैथवे इंक ने शुक्रवार को थोक सौदे में पेटीएम के 1.56 करोड़ से अधिक शेयर बेचे है, जिसका भारित औसत मूल्य 877.29 रुपये प्रति शेयर था।

एक्सचेंज डेटा के अनुसार, सितंबर 2023 तक, विजय शेखर शर्मा के नेतृत्व वाली पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड में बर्कशायर की बीएच इंटरनेशनल होल्डिंग्स की 2.46% हिस्सेदारी थी। बर्कशायर हैथवे पांच साल के निवेश के बाद पेटीएम से बाहर हो गई है। बर्कशायर हैथवे ने 2018 में पेटीएम में 2,200 करोड़ रुपये का निवेश किया था और 2021 में पेटीएम के मेगा आईपीओ के दौरान 220 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।

कॉप्थॉल मॉरीशस इन्वेस्टमेंट ने 75.75 लाख शेयर और घिसालो मास्टर फंड एलपी ने 42.75 लाख शेयर हासिल किए, जो पेटीएम में क्रमशः 1.19 प्रतिशत और 0.67 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर बैठते हैं। शेयर 877.20 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर खरीदे गए, जिससे कुल सौदा मूल्य 1,039.52 करोड़ रुपये हो गया।

वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर शुक्रवार को एनएसई पर 3.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 895 रुपये पर बंद हुए। अक्टूबर में, वन97 कम्युनिकेशंस ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में समेकित घाटा कम होकर 291.7 करोड़ रुपये होने की सूचना दी। एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी को 571.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

तिमाही के दौरान कंपनी के संचालन से समेकित राजस्व लगभग 32 प्रतिशत बढ़कर 2,518.6 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 1,914 करोड़ रुपये था। बर्कशायर का बाहर निकलना कंपनी की कई बिकवाली के बाद हुआ है, जिसमें जापानी समूह सॉफ्टबैंक ग्रुप द्वारा हिस्सेदारी में कटौती और चीन के अलीबाबा ग्रुप का बाहर निकलना शामिल है।

सितंबर में, पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कहा था कि वह अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने को तैयार हैं। चीनी फर्म एंट फाइनेंशियल से कंपनी में शेयर खरीदने के कुछ हफ्ते बाद, वह पेटीएम के सबसे बड़े शेयरधारक बन गए। बता दें कि बर्कशायर से पहले सॉफ्टबैंक ओपन मार्केट ट्रांजैक्शन के जरिये छोटी-छोटी किस्तों में शेयरों की लगातार बिक्री कर रही है।

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