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एफपीआई की बिक्री के सिलसिले पर लगा ब्रेक, नवंबर में अब तक शेयरों में लगाए 1433 करोड़

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • शेयर बाजारों से पैसे निकालने के एफपीआई के सिलसिले पर लगाम लग गई है।

  • एफपीआई ने नवंबर माह में अब तक 1,433 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।

  • इसकी वजह अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट।

राज एक्सप्रेस। शेयर बाजारों से लगातार पैसे निकालने के एफपीआई के सिलसिले पर लगाम लग गई है। अमेरिकी बाजार में जटिलताएं बढ़ने की वजह से काफी समय बाद एफआईआई भारतीय बाजार की ओर लौटने लगे हैं। एफपीआई ने नवंबर माह में अब तक 1,433 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। इसकी वजह अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आना है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) 15 नवंबर तक लगातार बिक्री कर रहे थे। डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार अब स्थिति पलटने लगी है।

एफपीआई ने 16-17 नवंबर के दौरान बाजार में पैसा लगाकर फिर से भारतीय बाजार की ओर रुख किया है । विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में चल रहे त्योहारी सीजन को भी भारतीय बाजार में एफपीआई की नए सिरे से रुचि के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व ने दरों में बढ़ोतरी का काम पूरा कर लिया है। अब वह 2024 में क्रमशः दरों में कटौती करना शुरू करेगा।

अगर अमेरिकी महंगाई में गिरावट का रुख जारी रहता है, तो फेडरल रिजर्व 2024 के मध्य तक दरों में कटौती कर सकता है। इससे भारत जैसे बाजारों में एफपीआई का पूंजी फ्लो तेज हो सकता है। आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने अक्टूबर में 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। शेयर बाजार से निकासी के पहले एफपीआई ने मार्च से अगस्त तक लगातार छह माह कर जमकर खरीदारी की थी। इस दौरान उन्होंने भारतीय बाजार में 1.74 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था।

एफपीआई द्वारा लंबे समय तक की गई बिकवाली की शुरुआत सितंबर से शुरू हुई थी। इसके पीछे कई वजहें रही हैं। इनमें अमेरिकी ब्याज दरों की अनिश्चित गति, अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड पर यील्ड में वृद्धि, कच्चे तेल की ऊंची कीमतें, इजराइल और हमास युद्ध से पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव आदि प्रमुख वजहें रही हैं। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने नवंबर में अब तक डेट मार्केट में 12,330 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जबकि अक्टूबर में उसने 6,381 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इस साल अब तक इक्विटी में एफपीआई का कुल निवेश 97,405 करोड़ रुपये और डेट बाजार में 47,800 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।

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