वारेन बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे ने एयरलाइन कंपनियों के पूरे शेयर्स बेचने की जानकारी दी है।  Neelesh Singh Thakur - RE
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बर्कशायर हैथवे ने अमेरिकी एयरलाइंस के पूरे शेयर बेचे : बफेट

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स

  • अमेरिकन एयरलाइंस इंडस्ट्री को झटका

  • दिग्गज कारोबारी वारेन बफेट ने बेचे शेयर्स

  • कंपनी की वार्षिक बैठक में स्वीकारी गलती

राज एक्सप्रेस। Covid-19 के कारण बिजनेस इंडस्ट्री की स्थिति डांवाडोल चल रही है। अब अरबपति निवेशक वारेन बफेट की कंपनी बर्कशायर हैथवे ने एयरलाइन कंपनियों के पूरे शेयर्स बेचने की जानकारी दी है। कंपनी का यह कदम अमेरिकन एयरलाइन इंडस्ट्री के लिए चौंकाने वाला कदम है।

दुनिया बदल गई :

बकौल बफेट “एयरलाइन इंडस्ट्री कोविड-19 के कारण तबाही की कगार पर जा पहुंची है।” रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक बर्कशायर हैथवे इनकॉरपोरेटेड (BRKa.N) ने अप्रैल महीने के दौरान अमेरिका की चार सबसे बड़ी एयरलाइनों के अपने सभी स्टेक्स बेचने की जानकारी दी है। कंपनी के चेयरमैन वॉरेन बफेट ने शनिवार को कंपनी की वार्षिक बैठक में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि; "विमानन उद्योग के लिए दुनिया बदल गई है।"

इसमें इतना वर्चस्व :

बर्कशायर हैथवे इनकॉरपोरेटेड का एयरलाइंस इंडस्ट्री में वर्चस्व किसी से नहीं छिपा है। इस समूह का एयरलाइंस इंडस्ट्री में बड़ा हिस्सा है। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2019 के अंत में उसकी डेल्टा एयर लाइंस (DAL.N) में 11% हिस्सेदारी, अमेरिकन एयरलाइंस कंपनी (AAL.O) में 10%, साउथवेस्ट एयरलाइंस (LUV.N) में 10% और यूनाइटेड एयरलाइंस (UAL.O) में 9 फीसदी हिस्सेदारी है।

एयर इंडस्ट्री की बड़ी शक्ति :

समूह चार एयरलाइंस में सबसे बड़े व्यक्तिगत धारकों में से एक बड़ी शक्ति माना जाता है। साल 2016 में इस बात का खुलासा हुआ था कि इस ग्रुप ने कई सालों तक एयरलाइन इंडस्ट्री से कन्नी काटने के बाद अमेरिका की इन चार प्रमुख कंपनियों में निवेश करना शुरू किया था।

गौरतलब है; कोरोनोवायरस महामारी के बीच यूएस ट्रेवल डिमांड के धराशायी होने के कारण एयरलाइन शेयरों को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। अमेरिकी एयरलाइंस ने अपनी उड़ानों की संख्या में बड़ी मात्रा में कटौती की है।

आलम यह है कि; यूएस ट्रेवल डिमांड में 95 फीसदी गिरावट के कारण हजारों विमान पार्किंग में खड़े नजर आ रहे हैं। साथ ही कोई व्यवस्थित टाइम टेबल तक न होने से यात्री दुविधा की स्थिति में हैं। बफेट का कहना है कि;एयरलाइन उद्योग का दृष्टिकोण तेजी से बदल गया है।

“हमने एयरलाइन व्यवसाय के संदर्भ में यह निर्णय लिया है। खास तौर पर हमने नुकसान के बावजूद कारोबार से पैसा निकाल लिया है। हम ऐसी किसी कंपनी को फंड नहीं देंगे जहां हमको लगता है कि; भविष्य में पैसा डूबने वाला है।”
वारेन बफेट, चेयरमैन, बर्कशायर हैथवे इनकॉरपोरेटेड

बेचा इतना हिस्सा :

बर्कशायर ने खुलासा किया है कि पिछले महीने 3 अप्रैल को उसने डेल्टा की अपनी हिस्सेदारी का लगभग 18% और साउथवेस्ट शेयरों का 4 फीसदी बेचा था। बफेट ने कहा कि बर्कशायर ने अमेरिकन एयरलाइंस ग्रुप इनकॉरपोरेटेड (AAL.O) सहित चार एयरलाइनों में लगभग 7 या 8 बिलियन डॉलर के निवेश पर दांव खेला था।

“हमने $7 या $ 8 बिलियन की तरह कुछ भी वापस हासिल नहीं किया। "मैं वही एक हूं जिसने निवेश का निर्णय लिया और यह मेरी गलती थी।”
वारेन बफेट, चेयरमैन, बर्कशायर हैथवे इनकॉरपोरेटेड, (कंपनी की वार्षिक बैठक में)

रायटर के मुताबिक साउथवेस्ट, अमेरिकी और यूनाइटेड समूह ने मामले पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। डेल्टा ने एक बयान में कहा कि "हमें बिक्री के बारे में पता था और हम श्रीमान बफेट और बर्कशायर टीम के प्रति पूर्ण सम्मान रखते हैं।" एयरलाइन समूह का कहना है कि "हमारे लोग, हमारा ब्रांड, हमारा नेटवर्क और हमारी परिचालन विश्वसनीयता डेल्टा को सफल होने के लिए ताकत प्रदान करेगा।”

बफेट ने संबोधन में कहा कि; उन्होंने इसके पहले अतिरिक्त एयरलाइंस में निवेश करने पर विचार किया था। गौरतलब है कि बफेट की पहचान दुनिया के चतुर निवेशकों में शुमार है। उनके निर्णय से इन्वेस्टर्स का भी रुख बदलता है। कहना गलत नहीं होगा कि ऐसे में अमेरिकन एयरलाइन इंडस्ट्री के साथ ही दुनिया के तमाम एयरलाइनों से जुड़े निवेश भी प्रभावित हो सकते हैं।

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