Bank Workers Raj Express
व्यापार

बैंक कर्मियों को मिल सकती है पांच दिन के हफ्ते की सौगात, सैलरी में 15 % बढ़ोतरी का प्रस्ताव

देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने सलाह दी है कि देश के युवा हर सप्ताह 70 घंटे काम करें, तो देश तेजी से तरक्की करेगा।

Aniruddh pratap singh

हाइलाइट्स

  • इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने वेतन में 15 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा

  • बैंक कर्मचारियों के लिए फाइव डे वीक लागू करने के बारे में भी चर्चा शुरू हो गई है

राज एक्सप्रेस। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने सलाह दी है कि देश के युवा हर सप्ताह 70 घंटे काम करें, तो देश तेजी से तरक्की करेगा। उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। इस बीच खबर है कि बैंक कर्मचारियों की सैलरी में 15 फीसदी इंक्रीमेंट का प्रस्ताव किया गया है। इसी के साथ फाइव डे वीक लागू करने के बारे में भी विचार-विमर्श शुरू हो गया है।

इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की ओर से 15% बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है, लेकिन कहा जा रहा है कि यूनियनें अन्य बदलावों के साथ ज्यादा बढ़ोतरी की मांग कर रही हैं। पीएनबी जैसे कुछ बैंकों ने वेतन वृद्धि के लिए प्रावधान करना शुरू कर दिया है। कर्मचारी और यूनियन तर्क दे रहे हैं कि बैंकों ने हाल के वर्षों में मुनाफे में अच्छी बढ़ोतरी देखी है। कर्मचारियों ने कोविड के दौरान काम करने और सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने के अलावा लेंडर्स को पटरी पर लाने के लिए जो प्रयास किए हैं, उन्हें देखते हुए, वे बेहतर मुआवजे के हकदार हैं।

वहीं वित्त मंत्रालय द्वारा बातचीत पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अगले साल आम चुनाव होने वाले हैं। उम्मीद है कि वेतन समझौते को उससे पहले अंतिम रूप दे दिया जाएगा क्योंकि बैंक कर्मचारियों की संख्या काफी ज्यादा है। तीन साल की बातचीत के बाद 2020 में आखिरी वेतन समझौता हुआ था। काम के घंटों को लेकर भी सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम करने की बात कहने पर सोशल मीडिया पर लोग समर्थन और विरोध में जमकर चर्चा कर रहे हैं ।

एक सोशल मीडिया यूजर ने फेसबुक पर लिखा कि एक आदमी 18-18 घंटे काम कर रहा है। फिर भी उसकी आर्थिक स्थिति नहीं सुधर रही है। तो क्या सिर्फ काम के घंटे बढ़ा लेना आर्थिक स्थिति को सुधार लेने की गारंटी है? कुछ यूजर्स ने लिखा है कि 70 घंटे का काम शोषण ही नहीं बल्कि अत्याचार है। बात इस पर होनी चाहिए कि मेहनत के मुताबिक़ पैसा मिल रहा है या नहीं। एक अन्य यूजर ने लिखा अगर भारत के हर हाथ को काम मिल जाए तो आर्थिक विकास को वैसे ही पंख लग सकते हैं। कुछ लोगों ने कहा कि ऊंची कुर्सी पर बैठे कुछ जोंक नुमा लोग ऐसे खून चूसने वाले उपाय सोचते रहते हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT