राज एक्सप्रेस । केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) प्रमुख नितिन गुप्ता ने बताया कि तकनीक के समावेश की वजह से आयकर विभाग द्वारा रिफंड देने के औसत समय में गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि सन 2022-23 में रिफंड का औसत समय घटकर केवल 16 दिन रह गया है, जबकि पहले यह 26 दिन हुआ करता था। आयकर विभाग द्वारा रिफंड देने के औसत समय में कमी आने पर नितिन गुप्ता ने संतोष व्यक्त किया है। । 2022-23 में रिटर्न दाखिल करने के पहले 30 दिनों में 80 फीसदी रिफंड जारी कर दिए गए हैं। ऐसा इस लिए संभव हुआ क्योंकि इस प्रक्रिया में तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि सामान्य कामकाज में तकनीक के इस्तेमाल ने चीजों को काफी आसान बना दिया है।
करदाता tin.tin.nsdl.com पर जाकर अपने रिफंड का स्टेटस पता कर सकते हैं। अपने रिफंड स्टेटस पता लगाने के लिए यहां दो जानकारी भरने की जरूरत है - पैन नंबर और जिस साल का रिफंड बाकी है उस साल की जानकारी। इसके बाद आपको नीचे दिए गए कैप्चा कोड को भरना होगा। इसके बाद Proceed पर क्लिक करते ही स्टेटस सामने आ जाएगा। बहुत सारे लोग लोग ऐसे हैं, जिन्हें अब तक रिफंड नहीं मिला है। अगर आपको भी अब तक रिफंड नहीं मिला है, तो जानलीजिए कि इसके कई कारण हो सकते हैं। इस बारे में कुछ भी जानने से पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि रिफंड देरी से आने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं।
हाल ही में कई बैंकों को दूसरे बैंकों में मर्ज किया गया है। ऐसे में कई बैंकों के आईएफएससी कोड बदल गए हैं। अगर आपने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अपने बैंक अकाउंट की जानकारी अपडेट नहीं की गई है, तो आपका रिफंड आने में बाधा पैदा हो सकती है। अगर यह समस्या है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे www.incometax.gov.in पर जाकर अपने अकाउन्ट की जानकारी अपडेट कर सकते हैं।
जिस बैंक खाते में इनकम टैक्स रिफंड आना है, उस बैंक खाते को पहले से सत्यापित (प्री वैलिडेट) करा लें। इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के बाद यदि आपका कोई रिफंड बनता है, तो वह आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) के जरिए मिलता है। इसके लिए जरूरी है कि आपका बैंक अकाउंट पहले से सत्यापित हो, ताकि आपको रिफंड मिलने में अनावश्यक विलंब नहीं हो।
आपने रिटर्न समय पर फाइल कर दिया है, लेकिन हो सकता है कि आपने आईटीआर का वेरिफिकेशन नहीं किया हो। जब तक आप आईटीआर को वेरिफाई नहीं करेंगे, आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा। यानी, जो आईटीआर आपने दाखिल किया है, उसको वेरिफाई करना जरूरी है। यह भी रिफंड मिलने में देरी की प्रमुख वजह बन सकता है। आयकर विभाग की ओर से भेजे गए ई-मेल का जवाब न देने के कारण भी रिफंड अटक सकता है। आयकर विभाग की ओर से भेजे गए ई-मेल में करदाताओं से उनकी बकाया मांग, उनके बैंक खाते तथा रिफंड में किसी तरह के अंतर के बारे में जानकारी मांगी जाती है। इसकी जानकारी सही समय पर न देने पर भी आपका रिफंड अटक सकता है।
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