कर्नाटक, भारत। यदि आप कर्नाटक में रहते हैं और ज्यादातर ऑनलाइन सर्विस प्रदाता Ola, Uber और Rapido की ऑटो सर्विस का इस्तेमाल करते हैं तो, यह खबर आपको निराश कर सकती है। हालांकि, एक राहत भरी खबर भी है। जहां, हाल ही में कर्नाटक सरकार ने इन सभी कंपनियों की ऑटो सेवाओं को बैन करने का अहम् फैसला लिया था। उसके बाद यह सभी सुविधाएं यहां आज बुधवार से बंद कर दी गई है। हालांकि, राहत की बात यह है कि, अब यहां ऑटोरिक्शा ड्राइवर्स अपना ऐप शुरू करने वाले हैं। कर्नाटक सरकार द्वारा बेंगलुरु में 1 नवंबर से नम्मा यात्री कैब सर्विस शुरु करने की जानकारी दी गई है।
कर्नाटक में लॉन्च होगी नई ऐप :
दरअसल, अब जब कर्नाटक में Ola, Uber और Rapido की सेवाएं बंद कर दी गई हैं तो, बड़ा सवाल यह उठ रहा था कि, इनकी जगह यहां क्या चलेगा जिससे यात्रा की जा सकेगी, तो आज कर्नाटक वासियों को इस सवाल का उत्तर भी मिल गया है। क्योंकि, अब बेंगलुरु के ऑटोरिक्शा ड्राइवर्स अपना ऐप शुरू करने वाले हैं। यह ऑटो ड्राइवर इस सर्विस की शुरुआत नम्मा यात्री कैब सर्विस ऐप के नाम से करेंगे। इस ऐप की शुरुआत यहां कन्नड़ राज्योत्सव दिवस यानी 1 नवंबर से हो जाएगी। इस ऐप की लाँचिंग बेकन फाउंडेशन के साथ साझेदारी के साथ की जा रही है। इसके अलावा इसके संचालन के लिए इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणी ने सपोर्ट किया है।
ARDU के अध्यक्ष का कहना :
बेंगलुरु में ऑटोरिक्शा ड्राइवर्स यूनियन (ARDU) के अध्यक्ष रुद्रमूर्ति ने जानकारी देते हुए कहा है कि, 'ओला, उबर जैसी कंपनियां ड्राइवरों का शोषण करती आई हैं। यात्रियों से भी मनमानी वसूली करती रही हैं। इसलिए हम इन पर लगे बैन का स्वागत करते हैं। वहीं, यात्रियों को कोई असुविधा न हो, इसलिए अपनी ऐप सर्विस शुरू करने जा रहे हैं। हम उन ग्राहकों को खो रहे हैं, जिन्हें ज्यादा किराया देना पड़ रहा है। इसीलिए हम ऐप लॉन्च कर रहे हैं। नम्मा यात्री ऐप का किराया सरकार की तरफ से तय शुल्क के अनुसार होगा। दूसरी तरफ कर्नाटक में ओला, उबर और रैपिडो की ऑटो सर्विस पर आज से रोक लग गई है।'
क्यों लिया सरकार ने यह फैसला ?
बताते चलें, पिछले कुछ समय से यात्रियों द्वारा Ola, Uber और Rapido की ऑटो सर्विस को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रहीं थी। इन शिकायतों को मद्देनजर रखते हुए कर्नाटक सरकार ने यह फैसला किया है। खबरों की मानें तो, परिवहन विभाग को शिकायत मिली थी कि, 'यह सभी कैब कंपनियां न्यूनतम किराया 100 रुपए ले रही हैं, भले ही वह 2 किमी से कम की दूरी ही क्यों न तय करें। जबकि, सरकारी गाइडलाइन के अनुसार 2 किमी तक की दूरी के लिए अधिकतम ऑटो किराया 30 रुपए तय है। वहीं, इसके आगे हर 1 किमी में 15 रुपए की बढ़त दर्ज होती जाती हैं। इस लिहाज से यह कंपनियां जनता को लूट रहीं हैं, इसलिए सरकार ने इन कंपनियों के खिलाफ यह फैसला लिया है।
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