जल्द ही एथेनॉल से दौड़ने लगेंगी गाड़ियाँ Syed Dabeer Hussain - RE
ऑटोमोबाइल

जल्द ही एथेनॉल से दौड़ने लगेंगी गाड़ियाँ? जानिए आखिर क्या है एथेनॉल?

पहले जहाँ भारत में 5 फीसदी एथेनॉल के साथ सरकार ने प्रयोग शुरू किया था तो वहीं अब तक सीमा बढ़कर 10 फीसदी हो गई है।

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो एंड मार्ट में ऑटो एक्सपो 2023 का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस दौरान वाहन निर्माता कंपनियों ने एक से बढ़कर एक गाड़ियाँ पेश की हैं। कंपनियों ने पेट्रोल और सीएनजी के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी अधिक जोर दिया। साथ ही यहाँ एथेनॉल को भी एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। पहले जहां भारत में 5 फीसदी एथेनॉल के साथ सरकार ने प्रयोग शुरू किया था तो वहीं अब तक सीमा बढ़कर 10 फीसदी हो गई है। इसके प्रयोग से एयर पोल्यूशन के साथ ही फ्यूल के दाम कम करने पर भी काम किया जा रहा है। ऐसे में आज हम आपको एथेनॉल से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।

क्या है एथेनॉल?

यह एक तरह का अल्कोहल है जिसे स्टार्च और शुगर के द्वारा तैयार किया जाता है। इसका उपयोग पेट्रोल में मिलाने के बाद इको-फ्रैंडली फ्यूल की तरह किया जा सकता है। आमतौर पर गन्ने के रस से बनने वाला यह एथेनॉल, दूसरे कई उत्पादों जैसे सड़े हुए आलू, सड़ी सब्जियां, मक्का आदि से भी किया जाता है।

एथेनॉल से होने वाला फायदा?

सबसे पहले सरकार का उद्देश्य एथेनॉल का उपयोग कर पेट्रोल से होने वाले प्रदूषण को कम करना है। क्योंकि एथेनॉल की मदद से वाहनों से करीब 35 फीसदी कार्बन मोनोऑक्साइड कम निकलेगा। इसके अलावा एथेनॉल फ्यूल नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम करता है। वहीं दूसरी तरह एथेनॉल के उपयोग से पेट्रोल के दाम भी कम हो जाएंगे।

क्या है सरकार की पॉलिसी?

सरकार के द्वारा आगामी 22 अप्रैल से नेशनल बायो फ्यूल पॉलिसी को लागू किए जाने की कोशिश की जा रही है। यानि अप्रैल माह से केवल फ्लेक्स फ्यूल कंप्लाइंट गाड़ियां बेचीं जायेंगी और पुरानी गाड़ियों को एथेनॉल कंप्लाएंट व्हीकल में बदला जाएगा।

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