इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई अनिल व टीना अंबानी के खिलाफ जांच पर रोक Social Media
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई अनिल व टीना अंबानी के खिलाफ जांच पर रोक, 3 हफ्ते में देना होगा जवाब

अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी के खिलाफ दर्ज हुए मामले की जांच को अब रोक दिया गया है। इस मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में फैसला लिया गया है।

Author : Kavita Singh Rathore

इलाहाबाद, भारत। काफी समय से कर्ज के बोझ और विवादों में घिरी अनिल अंबानी (Anil Ambani) की मुश्किलें पिछले काफी समय से बढ़ती जा रही थी। हाल ही में उनकी मुश्किल उनकी कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के खरीददार न मिलने के चलते बढ़ी थी। फिलहाल उनके लिए एक राहत की खबर है। हालांकि, यह राहत कुछ दिनों की ही है। खबर यह है कि, अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी के खिलाफ दर्ज हुए मामले की जांच को अभी रोक दिया गया है। इस मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में फैसला लिया गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में फैसला :

दरअसल, पवन कुमार नाम के एक स्वतंत्र पत्रकार द्वारा की गई शिकायत पर 16 मई को जहांगीराबाद थाने में अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी के खिलाफ फ्रॉड को लेकर FIR दर्ज की गई थी। पुलिस ने ACJM बुलंदशहर के आदेश पर ये मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने FIR की जांच पर रोक लगाते हुए कहा है कि, 'यह मामला बेहद गंभीर है। इसकी विरोधी पार्टियां अपना जवाब दाखिल करें।' हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और अनिल अंबानी सहित सभी विपक्ष के लोगों से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है।

इनके खिलाफ भी जारी हुए नोटिस :

बताते चलें, इस मामले के चलते कोर्ट द्वारा SEBI के अध्यक्ष, मुंबई और दिल्ली के फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के डायरेक्टर को भी नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस पवन कुमार की शिकायत के आधार पर ही जारी किया गया है। पवन कुमार ने शिकायत की थी कि, पुलिस उन्हें धमका कर डराने की कोशिश कर रही है। बता दें, पवन कुमार द्वारा दायर की गई याचिका में घोटाले और याची से मारपीट करने को लेकर दर्ज FIR की CBI जांच कराने की मांग भी उठी है। हालांकि, अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी। फ़िलहाल इस याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ द्वारा की गई।

पवन कुमार का आरोप :

पवन कुमार ने आरोप लगाया है कि, 'विजय माल्या से 10 गुना बड़ा सीरियस फ्रॉड किया गया है। सेबी ने जांच कर रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी को फ्रॉड घोषित किया है। इस पर 514 करोड़ बैंक का और 570 करोड़ लेनदारों के पैसे का घपला करने का आरोप लगाया गया है। स्थानीय पुलिस सही विवेचना नहीं कर सकती। इसलिए केस CBI को ट्रांसफर किया जाए। याचिका में ED यानी प्रवर्तन निदेशालय को भी पक्षकार बनाया गया है।'

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