गूगल प्ले स्टोर पर आज से ऐप प्री-रजिस्टर के लिए उपलब्ध हुआ
'चैटजीपीटी' का ऐप एंड्रॉयड डिवाइस के लिए अगले हफ्ते होगा लॉन्च
यह भी नहीं बताया है ऐप सबसे पहले किन देशों में लॉन्च किया जाएगा
राज एक्सप्रेस। ओपेन एआई ने ट्वीट कर बताया है कि कंपनी अगले सप्ताह अपने एआई चैटबॉट 'चैटजीपीटी' का ऐप एंड्रॉयड डिवाइस के लिए लॉन्च करेगी। कंपनी ने बताया कि गूगल प्ले स्टोर पर आज से ऐप प्री-रजिस्टर के लिए अवलेबल हो गया है। प्री-रजिस्टर करने और ऑटोमेटिक इंस्टॉल ऑप्शन इनेबल रखने पर ऐप लॉन्च होने के बाद अपने आप डिवाइस में डाउनलोड हो जाएगा। यह डेवाइस कब लांच की जाएगी, कंपनी ने इस बारे में अब तक कोई ठीक-ठीक जानकारी नहीं दी है। कंपनी ने इस संबंध में पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
कंपनी ने अभी तक एंड्रॉयड डिवाइस के लिए ऐप लॉन्चिंग की कोई कंफर्म डेट नहीं बताई है। दो महीने पहले मई में कंपनी ने आईओएस डिवाइस के लिए चैटजीपीटी ऐप लॉन्च किया था। ओपेन एआई ने यह भी नहीं बताया है कि ऐप को सबसे पहले किन देशों में लॉन्च किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि कंपनी भारत सहित कई देशों में एक साथ ऐप लॉन्च कर सकती है। ऐप इंस्टॉल करने के बाद चैट जीपीटी यूज करने के लिए यूजर्स को बार-बार ब्राउजर पर नहीं जाना पड़ेगा। इसके साथ ऐप में सर्च की हिस्ट्री सेव होती है, जिसकी मदद से यूजर्स किसी पुराने सर्च को देख सकेंगे। इसके अलावा ऐप में मिलने वाले सभी फीचर्स को भी यूजर्स एक्सेस कर पाएंगे।
एक ओपन एआई की चैटजीपीटी और दूसरी गूगल का बार्ड। चैट जीपीटी और बार्ड से आप कोई भी सवाल पूछ सकते हैं। ईमेल लिखने से लेकर सीवी बनाने तक आप इससे कुछ भी करवा सकते हैं। रील या अपना वीडियो कैसे वायरल करना है, इसका भी उपाय चैट जीपीटी बताता है। तबीयत खराब होने पर छुट्टी की एप्लीकेशन लिखनी है या किसी छात्र को लोकतंत्र पर निबंध लिखना है, तो चैट जीपीटी आपकी इस समस्या को मिनटों में हल कर देगा। आप बस चैटजीपीटी पर टाइप कीजिए-Write an essay on democracy। बाकी का काम चैटजीपीटी पूरा कर लेगा। आपको कुछ नहीं करना है। चैटजीपीटी आपका निर्देश मिलते ही काम करना शुरू कर देता है और कुछ ही देर में लोकतंत्र पर एक आलेख लिखकर दे देता है।
गूगल अपने नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रोडक्ट 'जेनेसिस' की टेस्टिंग शुरू की है। यह एआई टूल रिलेवेंट इंफॉर्मेशन और करेंट इवेंट्स को प्रोसेस कर लेटेस्ट न्यूज स्टोरीज जनरेट कर सकता है। गूगल अपने इस नए टूल को द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉशिंगटन पोस्ट और न्यूज कॉर्प जैसे न्यूज ऑर्गेनाइजेशन के सामने प्रेजेंट कर चुका है। जेनेसिस एआई एक राइटिंग असिस्टेंट है। जिसका उद्देश्य जर्नलिस्टों की मदद करना और उनके काम को आसान और सुव्यवस्थित करना है। जिससे रिपोर्टरों को टफ टास्क पर फोकस करने के लिए ज्यादा समय मिल सके।
गूगल इस टेक्नोलॉजी को पब्लिशिंग इंडस्ट्री को जेनरेटिव एआई से जुड़े नुकसान से दूर रखने की दिशा में एक जिम्मेदार कदम के रूप में देख रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, जेनेसिस एक वर्किंग नेम है और अभी इस टूल का नाम फाइनल नहीं किया गया है। गूगल स्पोक्सपर्सन जेन क्राइडर ने इस टूल को लेकर कहा कि इस टूल का उद्देश्य केवल पत्रकारों के काम को आसान बनाना है। यह टूल पत्रकारों की जगह लेने के लिए नहीं बनाया गया है और न ही यह पत्रकारों की जगह ले सकता है। यह टूल पत्रकारों के काम को आसान बनाएगा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने एआई लैंग्वेज मॉडल लामा-2 लॉन्च किया है। इसे रिसर्च और कॉमर्शियल पर्पज के लिए फ्री में यूज किया जा सकता है। इसे कंपनी ने नेक्स्ट जनरेशन ओपन-सोर्स लैंग्वेज मॉडल बताया है। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा ओपन सोर्स इनोवेशन को बढ़ावा देता है, क्योंकि यह कई डेवलपर्स को नई टेक्नोलॉजी बनाने में सक्षम बनाता है। ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर होने के कारण ज्यादा लोग संभावित समस्याओं की पहचान करने और उन्हें ठीक करने के लिए इसकी जांच कर सकते हैं। इससे इसकी सिक्योरिटी लगातार बेहतर होती है।
मार्क जुकरबर्ग ने कहा मेरा मानना है कि यदि इकोसिस्टम ओपन होता है तो प्रोग्रेस ज्यादा होती है। यही कारण है कि हम लामा-2 को ओपन सोर्स कर रहे हैं। मेटा के लामा-2 से चैट जीपीटी और गूगल के बार्ड को टक्कर मिलेगी। बार्ड को कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने गूगल आई/ओ 2023 इवेंट में एआई चैटबॉट 'बार्ड' को 180 से अधिक देशों में लॉन्च किया था। इससे पहले यह सिर्फ यूके और यूएस में उपलब्ध था। वहीं, ओपेन एआई का चैटबॉट 30 नवंबर 2022 को लॉन्च किया गया था। मार्क जुकरबर्ग ने बताया लामा-2 पेश करने के लिए मेटा ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ पार्टनरशिप की है।
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